आदित्यपुर: बीते शनिवार की रात आरआईटी थाना अंतर्गत वास्तु विहार के समीप खरकई नदी से सटे अर्थ एनक्लेव में हुए छः फ्लैटों में हुए चोरी मामले में पुलिस के हाथ अबतक खाली हैं. यूं कहें तो पुलिस मामले को लेकर गंभीर नहीं है. बता दें कि जिले में अबतक हुए चोरी की घटनाओं में यह सबसे बड़ी चोरी की घटना है. इससे पूर्व इसी थाना क्षेत्र के एमआईजी 79 में चार साल पूर्व चोरी की घटना हुई थी, जो जिले का सबसे बड़ा चोरी था, हैरानी की बात ये है कि उक्त कांड का आजतक पुलिस उद्भेदन करने में नाकाम साबित रही है. संभवतः पुलिस के फ़ाइल से एमआईजी- 79 में हुए चोरी की घटना बंद हो चुकी है, जो जिला पुलिस के लिए नाकामी कही जा सकती है. इस बीच बीते शनिवार को अर्थ एनक्लेव में हुई चोरी ने एमआईजी- 79 में हुए चोरी का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, मगर पुलिस की ओर से इसका खुलासा नहीं किया जा सका है, जो जिले के नए एसपी और थानेदार के लिए बड़ी चुनौती है.
इन फ्लैटों में हुई चोरी
बता दें कि चोरों ने फ्लैट संख्या 304 (महेश्वर सहाय), फ्लैट संख्या 104 (आरए बहादुर), फ्लैट संख्या 404 (पवन कुमार), फ्लैट संख्या 403 (संजय कुमार), फ्लैट संख्या 406 (रंजीत सिन्हा) और फ्लैट संख्या 201 (गीता दास) के मकान का ताला तोड़कर उसमें रखे करोड़ों के नगदी और जेवरात उड़ा लिए हैं. इनमें फ्लैट संख्या 304, 104, 403 और 304 में चोरों ने बड़ा माल टापाया है. वहीं 406 और 201 का केवल ताला तोड़ा है, चूंकि उनमें कोई रहता नहीं है इस वजह से यहां चोरों के हाथ कुछ नहीं लगे हैं.
बिल्डर के खिलाफ नाराजगी, सोसायटी के सिक्यूरिटी सिस्टम पर उठ रहे सवाल
बता दें कि उक्त सोसायटी को ग्रीन वाटिका कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड डेवलप करा रही है. इसके प्रोपराइटर अजय अग्रवाल बताए जा रहे हैं. इनपर आरोप है कि इनके द्वारा तय समय पर प्रोजेक्ट को हैंडओवर नहीं किया जा रहा था, जिससे परेशान होकर खरीदारों ने आनन- फानन में अधूरे फ्लैट की रजिस्ट्री कराया और यहां आकर रहने लगे. न तो सोसायटी के सिक्युरिटी को लेकर बिल्डर गम्भीर है, न ही इतनी बड़ी घटना के बाद बिल्डर या उनका कोई प्रतिनिधि पीड़ितों से मिलने पहुंचा है. यहां तककि पुलिस के बुलावे पर भी बिल्डर नहीं पहुंचे हैं, इसको लेकर जहां सोसायटी वासियों में नाराजगी व्याप्त है, वहीं पुलिस की कार्यशैली भी कटघरे में है.
खुफिया तंत्र विफल
घटना के छः दिनों बाद भी पुलिस की नाकामी साफ दर्शा रही है कि पुलिस का खुफिया तंत्र जिले में निष्क्रिय हो चुका है. इतनी बड़ी चोरी की घटना के खुलासे को लेकर एसपी ने न कोई एसआईटी गठित किया है न ही मामले की खुद जांच की है. वैसे पिछले एसपी के कार्यकाल में सरायकेला में हुए ज्वेलरी लूटकांड मामले का भी अबतक खुलासा नहीं हो सका है. ऐसे में देखना यह दिलचस्प होगा कि सरायकेला पुलिस इस मामले को सुलझाने में कामयाब होती है या नहीं.