अदित्यपुर/ Sumeet Singh सरायकेला- खरसावां जिला के चांडिल डैम के विस्थापित मनोहर महतो पिछले 34 दिनों से 9 सूत्री मांगों को लेकर आदित्यपुर स्थित स्वर्णरेखा भवन के समक्ष अनशन पर बैठे हैं. अनशन के 34 वें दिन ईचागढ़ विधायक सविता महतो अनशन कारियों से वार्ता कर अनशन समाप्त कराने पहुंची, मगर अनशनकारी मनोहर महतो ने उन्हें दो टूक शब्दों में कहा जब तक समाधान नहीं मिलता, तबतक अनशन जारी रहेगा.
बता दें कि चांडिल डैम के विस्थापित मनोहर महतो का यह पांचवा अनशन है. इससे पूर्व कई बार आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने अनशन तोड़ा मगर इस बार उन्होंने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. दरअसल मनोहर महतो चांडिल डैम से विस्थापित हुए 116 गांव में से एक गोविंदपुर बामुंडीह के रहने वाले हैं. विकास पुस्तिका में बामुंडीह का जिक्र नहीं किया गया है. साथ ही 1992 में मनोहर महतो को नौकरी देने की घोषणा की गई थी, बावजूद इसके अब तक उन्हें नौकरी नहीं मिली. अब उनका सेवानिवृत्ति का उम्र आ गया है. ऐसे कुल 9 मांगे हैं जिसको लेकर मनोहर महतो पिछले 34 दिनों से विभाग के कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन पर बैठे हैं.
वही सोमवार को विधायक सविता महतो उनका अनशन समाप्त कराने पहुंची, मगर मनोहर महतो ने अनशन तोड़ने से साफ इंकार कर दिया. इस संबंध में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि मनोहर महतो की मांगों को लेकर जांच टीम गठित कर दी गई है. जल्द ही उनका समाधान कर दिया जाएगा. उधर विधायक सविता महतो ने बताया कि जब से उनकी सरकार बनी है तब से लगातार विस्थापितों को लेकर सरकार चिंतित है. अब तक 1000 से अधिक विस्थापितों का विकास पुस्तिका बन चुका है. सरकार ने 61 करोड़ का बकाया भी विस्थापितों को दिया है. सरकार तक इनकी मांगों को लगातार पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र चलने की वजह से वे यहां नहीं पहुंच पाई थी. विस्थापित मनोहर महतो की 9 मांगों में से दो मांग ऐसे हैं जिसे सरकार के स्तर पर ही सुलझाया जा सकता है. बाकी 7 मांगे विभागीय स्तर पर सुलझाए जा सकते है, इसको लेकर विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है. उन्होंने कहा चांडिल डैम विस्थापन का मामला नया नहीं है. उन्होंने हर संभव प्रयास किया है, कि विस्थापितों को उनका हक और अधिकार मिले. फिलहाल विधायक के वार्ता के बाद भी मनोहर महतो का अनशन जारी है.