आदित्यपुर: डेंगु से आदित्यपुर बाबाकुटी निवासी आईएन झा के 21 वर्षीय पुत्र अविनाश कुमार झा का टीएमच में शुक्रवार को ईलाज के क्रम में मौत गया है. वह एमबीबीएस के पहले वर्ष का छात्र था. बता दें कि तीन भाई बहनों में अविनाश सबसे छोटा था.
उसके पिता आईएन झा आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया के जेनिथ फोर्जिंग कंपनी के मजदूर हैं. बड़ा भाई भी उसी कंपनी में काम करता है. बहन मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई पूरी कर चुकी है. सभी मिलकर अविनाश को डॉक्टरी की पढ़ाई करवा रहे थे. एक महीने पूर्व ही ईएसआईसी कर्नाटका मेडिकल कॉलेज में उसका दाखिला हुआ था. घटना के बाद परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल है. वहीं कॉलोनी में मातम छा गया है. बताया जाता है कि अविनाश का पूरा परिवार शांतिप्रिय है. कभी किसी के साथ कोई विवाद नहीं रहा. इस घटना के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.
कॉलोनी ने खोया दूसरा एमबीबीएस
बता दें कि बाबा कुटी की गणना आदित्यपुर- 2 का सबसे शिक्षित और सुव्यवस्थित कॉलोनियों के रूप में होता है. हर साल सरकारी नौकरी पाने वाले युवाओं की यहां लंबी चौड़ी फेहरिस्त है. यहां के युवा रेलवे, आर्मी, सीआरपीएफ, जेपीएससी, लोक सेवा आयोग टाटा स्टील में अधिकारी से लेकर कर्मचारियों के रूप में बहाल हैं. एमबीबीएस के रूप में इससे पूर्व कॉलोनी वासियों ने डॉ ममता राय को खो दिया है. अविनाश को भविष्य की उम्मीद मान रहे थे. अविनाश के मौत ने कॉलोनीवासियों को झकझोर कर रख दिया है.
कॉलोनी में गंदगी का अंबार
बता दें कि बाबा कुटी आदित्यपुर नगर निगम वार्ड 34 के अंतर्गत आता है. साफ- सफाई के नाम पर नगर निगम की बेरुखी का कॉलोनी शुरू से ही दंश झेलता रहा है. यहां के लोग बेहद ही शांतिप्रिय और वाद- विवादों एवं राजनीति से दूर रहते हैं. जिनके कंधे पर वार्ड की जिम्मेदारी सौंपी थी, उन्होंने चंद लोगों को साथ लेकर 15 साल तक राजनीति की. आलम यह रहा कि कभी भी नियमित रूप से ना तो कचरे का उठाव हुआ न ही गलियों- सड़कों और नालियों का विकास हुआ. अविनाश की मौत के बाद लोग दबी जुबान से पूर्व के जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुखर होने लगे हैं. हालांकि अब गेंद नगर निगम के पहले है, बावजूद इसके कॉलोनी में साफ- सफाई, गंदगी और कचरो का अंबार है. इसको लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है.