आदित्यपुर: गुरुवार को आदित्यपुर थाना अंतर्गत टीचर्स ट्रेनिंग मोड़ के समीप हुए हिस्ट्रीशीटर अपराधी देवव्रत गोस्वामी उर्फ देबू दास हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के काफी करीब पुलिस पहुंच गई है. पुलिस कभी भी मामले का खुलासा कर सकती है.
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वैसे देबू की हत्या के बाद तरह- तरह के कयास लगते रहे, पूरे मामले में हमारी तफ्तीश में जो बातें निकल आ रही है उससे साफ हो गया है कि देबू की हत्या गैंगवार की वजह से नहीं, बल्कि उसे अपने गैंग के सदस्यों ने ही रास्ते से हटाया है. देबू मनोज सरकार गिरोह का सदस्य था, मगर हाल के दिनों में जेल से जमानत पर छूटने के बाद देबू ने अपना अलग सल्तनत खड़ा किया, जो उसकी मौत का कारण बना.
मनोज और कार्तिक मुंडा ने मिलाया हाथ, पेटू प्रामाणिक बना किंगमेकर ! पवन सिंह की भूमिका संदिग्ध
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रंजीत बेज हत्याकांड एवं रेलवे में रंगदारी मामले में जमानत पर छूटने के बाद स्क्रैप के कारोबार में देबू एकछत्र राज कायम करने की कवायद में जुट गया था. पिछले साल 7 दिसंबर को गैंगस्टर मनोज के साथ देबू सहित 10 अपराधियों को पुलिस ने जेल भेजा था. इनके साथ डोमिनिक सैमसंग, अधीर प्रधान, दीपू ओझा, ज्ञानी कुमार साहू, सुशांत प्रधान, संतोष बानरा टोटन दत्ता और विजय साहू शामिल थे. मामले के एक अन्य आरोपी विक्की नंदी ने दस दिन बाद कोर्ट में समर्पण किया था. सूत्र बताते हैं कि मनोज और देबू के बीच पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था. देबू ने जमानत पर छूटने के बाद मनोज सरकार के गैंग से किनारा कर अपना अलग गिरोह खड़ा कर लिया था, देबू अधीर प्रधान, डोमनिक सैमसंग और विक्की नंदी वगैरह के साथ मिलकर स्क्रैप, बालू और जमीन का कारोबार कर रहा था. उसने चांडिल, चौका, कांड्रा और आदित्यपुर में अवैध स्क्रैप टाल खोल रखे थे, जिससे देबू गैंग अथाह दौलत कमाने में जुटा हुआ था. सूत्र बताते हैं कि देबू गिरोह के बढ़ते कद को देखते हुए मनोज सरकार और कार्तिक मुंडा गिरोह ने हाथ मिला लिया जिसमें पेटू प्रमाणिक ने अहम भूमिका निभाई मनोज सरकार फिलहाल जेल में बंद है जबकि कार्तिक मुंडा पिछले 10 सालों से पुलिस को चकमा दे रहा है. इस गिरोह को पहला झटका पिछले साल छठ पर्व के दूसरे अर्ध्य के दिन लगा था, जब विक्की नंदी पर बम से हमला हुआ था. हालांकि उस हमले में विक्की नंदी बाल- बाल बच गया था. पुलिस ने भट्टा लोहार, बबलू दास, मोतीलाल बिश्नोई सहित छः अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा था, जबकि मुख्य अभियुक्त सागर लोहार आजतक पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा है.
पुलिस गुत्थी सुलझाने के करीब शक की सुई पेटू और पवन सिंह की ओर
सूत्रों के मुताबिक पुलिस के तफ्तीश की सुई गैंगस्टर मनोज सरकार और पेटू प्रामाणिक की तरफ चल रही है. मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को पवन सिंह नामक युवक देबू के बंद पड़े होटल की डील करने उसके घर पहुंचा था, और घटनास्थल के आसपास पवन सिंह की मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं. देबू और पवन सिंह के सीडीआर को सर्विलांस पर लेकर पुलिसिया तफ्तीश चल रही है. माना जा रहा है कि जल्द ही पुलिस अपराधियों तक पहुंचने में सफल होगी.
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