आदित्यपुर: सरायकेला- खरसावां जिले के आदित्यपुर में कोई बड़ी घटना घटित होने वाली है. चाहे गैंगवार हो, किसी गैंगस्टर, बिल्डर राजनेता, सफेदपोश की या स्क्रैप कारोबारी की हत्या.
वैसे पिछले दो अपराधकर्मी आशीष पाठक के शोषल मीडिया पर एक के बाद एक तीन चार पोस्ट में डिप्टी मेयर और गैंगस्टर संतोष थापा गिरोह के खात्मे को लेकर किए गए पोस्ट और आदित्यपुर थाना प्रभारी की अपराधकर्मी आशीष पाठक के साथ चैटिंग से इतना तो साफ हो गया है कि अपराधी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं. इधर आशीष पाठक ने एक और पोस्ट अपने फेसबुक पर किया है, जिसमें उसने फिर से डिप्टी मेयर और अपराध कर्मी संतोष थापा गिरोह के खाते में का जिक्र किया है पोस्ट में उसने यह भी लिखा है कि भले पुलिस को तुमलोग खरीद लो मगर इतनी आसानी से उसे पुलिस नहीं पकड़ सकती. इधर मंगलवार को आदित्यपुर के एक बिल्डर की नई स्कॉर्पियो रहस्यमई तरीके से गायब हुई जिसके बाद आर आईटी थाना पुलिस सक्रिय हुई इसी क्रम में बिल्डर के चालक अभय सिंह उसके दो अन्य साथी सोनू सिंह और सुनील सोनी ने जो खुलासे किए उससे साफ हो गया है, कि आदित्यपुर में कोई बड़ी घटना को अपराधियों द्वारा अंजाम देने की खिचड़ी पक रही है. हालांकि आरआईटी और राजनगर थाना पुलिस ने अपराधियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया, और दबिश बढ़ता देख अपराधी स्कॉर्पियो को बिष्टुपुर के पटियाला पैग बियर बार के समीप फिल्मी अंदाज में छोड़ भाग खड़े हुए.
क्या है घटनाक्रम
बीते मंगलवार की शाम आदित्यपुर के एक बड़े बिल्डर के चालक जमशेदपुर के बाराद्वारी निवासी अभय सिंह ने अपने एक साथी सोनू सिंह और सुनील सोनी के साथ मिलकर मालिक की नई स्कॉर्पियो को किसी मनीष ओझा और अपराधकर्मी संजीव लोहार को दे दी. दोनों स्कोर्पियो लेकर राजनगर के कोलाबड़िया स्थित मनीष ओझा के फार्म हाउस चले गए. (जैसा कि सुनील सोनी ने बताया) जब बिल्डर ने अपने चालक से संपर्क साधने का प्रयास किया तो उसका नम्बर बंद पाया. इधर बिल्डर ने स्कोर्पियो गायब होने की लिखित शिकायत आरआईटी थाने में दर्ज करा दी. साथ ही अपने सहयोगियों संग चालक की खोज करने में जुट गए. इसी क्रम में चालक का साथी सोनू सिंह उनके हत्थे चढ़ गया. सोनू आदित्यपुर के एक बड़े बिल्डर का पूर्व में चालक रह चुका था. उसी की निशानदेही पर बिल्डर के चालक का सुराग लगा. चालक ने बताया कि मांझी टोला निवासी अपने साथी सुनिल सोनी और सोनू के साथ मिलकर आशियाना के समीप मधुबन होटल के समीप शराब पी रहा था इसी क्रम में मनीष वहां आया और स्कॉर्पियो चलाने की बात कहकर चाबी मांगी और स्कॉर्पियो लेकर जो गया वापस नहीं लौटा. उसने बताया कि मालिक का फोन इसलिए रिसीव नहीं कर रहा था, कि मालिक को जवाब क्या दें. वहीं जब सोनू और चालक बिल्डर के हाथ लगे तब बिल्डर ने दोनों को आरआईटी पुलिस को सौंप दिया. वहीं बिल्डर द्वारा सख्ती से पूछने पर बिल्डर के चालक अभय सिंह ने सुनिल सोनी द्वारा गाड़ी मनीष ओझा के फार्म हाउस राजनगर के कोलाबड़िया में पहुंचाने की जानकारी दी. उसके बाद बिल्डर चालक के साथ माझी टोला चांदनी चौक के समीप रहनेवाले सुनील सोनी के घर पहुंचे जहां सुनील ने अपराधकर्मी संजीव लोहार के कहने पर स्कॉर्पियो राजनगर पहुंचाने की बात कही. फिर बिल्डर और उनके सहयोगी दोनों को साथ लेकर राजनगर थाना पुलिस के सहयोग से कोलाबड़िया स्थित मनीष के फार्म हाउस पहुंचे मगर वहां स्कॉर्पियो नहीं मिली. हालांकि राजनगर थाना प्रभारी द्वारा एक टीम मनीष के आदित्यपुर रैन बसेरा स्थित मकान पर भी भेजा गया मगर वह वहां नहीं मिला. इधर लगातार पुलिस की दबिश बढ़ता देख एक अंजान नम्बर से बिल्डर को फोन पर किसी ने रात दस बजे तक उनकी स्कॉर्पियो वापस उनके बताए ठिकाने पर पहुंचा देने की बात कही गई. बिल्डर ने आदित्यपुर आकाशवाणी चौक के समीप गाड़ी पहुंचाने का लोकेशन दिया. मगर शातिर अपराधियों ने गाड़ी आकाशवाणी चौक के बजाए बिष्टुपुर पटियाला पैग बियर बार के समीप छोड़ फिल्मी अंदाज में पुनः बिल्डर को फोन कर अपनी स्कॉर्पियो रिसीव करने के लिए कहा गया. जहां से बिल्डर के सहयोगियों ने स्कॉर्पियो रिसीव कर लिया हालांकि उस वक्त स्कॉर्पियो में कोई मौजूद नहीं था चाबी सीट के नीचे थी. देर रात बिल्डर ने अपने चालक और उसके सहयोगी सुनील सोनी को भी आरआईटी थाना पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं आरआईटी थाना पुलिस तीनो से पूछताछ में जुटी हुई है.
अहम सवाल
आखिर बिल्डर के चालक ने किसके इशारे पर स्कॉर्पियो की चाबी मनीष ओझा को सौंपी ? चालक और मनीष के बीच क्या कनेक्शन है. सुनील सोनी ने बिल्डर को बताया, कि जब बिल्डर के चालक ने मनीष को गाड़ी की चाबी दी उस वक्त उसमें अपराधकर्मी संजीव लोहार भी सवार हुआ था. संजीव लोहार, मनीष ओझा और सुनील सोनी माझी टोला में ही रहते हैं. क्या तीनों ने मिलकर स्कॉर्पियो उड़ाने और किसी घटना को अंजाम देने की योजना बनाई. यहां बताते चलें कि कारोबारी सुजय नंदी हत्याकांड में शूटर के रूप में संजीव लोहार का नाम आया था, जिसमें वह जेल गया था, फिलहाल वह जमानत पर है. उसका कनेक्शन कुख्यात अपराधकर्मी कृष्णा गोप से है. सुनील के अनुसार जब उसने मनीष से गाड़ी के सम्बंध में पूछा तो मनीष ने गाड़ी अड्डे पर होने की बात कही और उसी अड्डे पर सुनील बिल्डर को लेकर कोलाबड़िया गया. इसका मतलब कोलाबड़िया अड्डे (मनीष का फॉर्महाउस) कुछ खिचड़ी पक रही है.
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