आदित्यपुर: ठेकेदार कन्हैया सिंह हत्याकांड के तीन दिन बीत जाने के बाद भी हत्यारों का सुराग लगाने में पुलिस नाकाम रही है, जिससे आदित्यपुर में राजनीति चरम पर है. हर तरफ पुलिस- प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त नजर आ रहा है.
बता दें कि कन्हैया सिंह हत्याकांड के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा द्वारा जिला पुलिस को दिए गए 72 घंटे के अल्टीमेटम की मियाद पूरी होने के बाद रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री ने कांग्रेसियों संग एक बैठक पीएचईडी आईबी में की. जहां जिले में गिरते कानून व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए आगे की रणनीति तय की गई. करीब दो घंटे चली मैराथन बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने पुनः 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए पुलिस को अपराधियों को ढूंढ निकालने की नसीहत दी है. उन्होंने साफ कर दिया है, कि उसके बाद अल्टीमेटम नहीं आंदोलन होगा. पूरे सरायकेला को बंद कराया जाएगा. खान, खदान, सड़क सब बंद होंगे. उसके बाद कांग्रेसी रैली की शक्ल में आदित्यपुर की सड़कों पर प्रशासन विरोधी नारेबाजी करते निकले. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भी हाथों में बैनर- तख्ती- पोस्टर लेकर कन्हैया सिंह के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करते नजर आए, और पुलिस प्रशासन हाय-हाय की नारेबाजी करते रहे.
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इससे पूर्व बैठक में कांग्रेसियों ने बारी- बारी से अपने विचार रखे. मुख्य रूप से आदित्यपुर नगर अध्यक्ष संतोष सिंह ने आदित्यपुर में गिरते कानून व्यवस्था पर तीखा प्रहार करते हुए थानेदार से लेकर एसपी तक को बदलने की मांग की. उन्होंने तो यहां तक कह डाला कि 45 साल के इतिहास में ऐसा एसपी उन्होंने नहीं देखा है. इसके अलावा प्रदीप बारीक, जवाहरलाल महाली, परमेंद्र मिश्रा, प्रमोद सिंह, जगदीश नारायण चौबे, जिलाध्यक्ष छोटेराय किस्कू सहित अन्य वक्ताओं ने बारी- बारी से अपने विचार रखे और पुलिस प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताया.
वही जगदीश नारायण चौबे ने कांग्रेसी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को आगाह करते हुए कहा जो भी नेता या कार्यकर्ता अवैध धंधों में संलिप्त हैं. सबसे पहले वह अपने अवैध धंधों को बंद कर दें, ताकि पुलिस- प्रशासन के खिलाफ आंदोलन में कांग्रेस का आंदोलन कमजोर ना पड़ जाए. उन्होंने आदित्यपुर नगर निगम के मेयर से लेकर डिप्टी मेयर तक को कटघरे में खड़ा करते हुए उनके पूर्व के अपराधिक इतिहासों की फेहरिस्त गिना डाली. उन्होंने कहा भाजपा नेता भ्रष्टाचार से लेकर अवैध धंधों तक आकंठ डूबे हुए हैं, फिर भी पुलिस उन पर हाथ नहीं डालती, मगर कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता यदि जनता के हक और हुकूक की बात करते है, तो उन पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जाते हैं. मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने साफ कर दिया है, कि पुलिस प्रशासन के पास संसाधन की कोई कमी नहीं है. कमी है तो सिर्फ इच्छाशक्ति की. अगर उनके पास संसाधन नहीं है, तो संसाधन कहां से आएंगे कैसे आएंगे इसकी जानकारी भी उन्हें है. उसका प्रयोग नहीं करना अपने आप में सवाल खड़े करती है.
बाईट
मधु कोड़ा (पूर्व मुख्यमंत्री- झारखंड)