आदित्यपुर: सरायकेला- खरसावां जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अंबुज पांडे के भाई कुंदन पांडे ने सोमवार की रात बीएस सिक्युरिटी के नाइट गार्ड बलिराम सिंह पर तलवार से जानलेवाला हमला कर दिया जिसमें गार्ड गंभीर रूप से घायल हो गया है. गार्ड ने इसकी लिखित शिकायत थाने में की, मगर दिनभर चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद दोनों पक्षों ने आपसी समझौता कर लिया उसके बाद गार्ड ने अपनी शिकायत वापस ले ली.
क्या था मामला
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की रात बीआईएस सिक्युरिटी के हरि ओमनगर रोड नंबर पांच स्थित कार्यालय के समीप ड्यूटी पर तैनात सिक्युरिटी गार्ड बलिराम सिंह ने कुंदन पांडे एवं उसके अन्य साथियों को कार्यालय के समीप अड्डाबाजी करने का विरोध किया. जिसपर कुंदन पांडे एवं उसके अन्य साथियों ने तलवार से बलिराम सिंह पर जानलेवा हमला कर दिया. इस हमले में बलिराम सिंह के दोनों हाथों के उंगलियों में गंभीर चोटे आई है.
आखिर किसने कराया सुलह और क्या कहता है कानून
भले गार्ड और कांग्रेस नेता के भाई के बीच सामाजिक स्तर पर सुलह हो गया मगर अहम सवाल ये है कि क्या ऐसे मामलों में सामाजिक स्तर पर सुलह कानूनन स्वीकार्य है ? कल यदि गार्ड का जख्म गहरा हो गया तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा ? क्या एजेंसी इसकी जवाबदेही लेगी ? क्या सामाजिक स्तर पर सुलह करानेवाले सामाजिक कार्यकर्ता इसकी जवाबदेही लेंगे ? क्या पुलिस गार्ड को न्याय दिला पाएगी ? क्या आम लोगों के मामले में इस तरह के समझौते स्वीकार्य होते हैं ? इस मामले में एक अधिवक्ता ने बताया कि तलवार जैसे हथियार से हमला जघन्य अपराध की श्रेणी में आते हैं. शिकायत कर्ता समझौता न्यायालय के माध्यम से कर सकता है. ऐसे मामले में सीधे 307 के तहत मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई होनी चाहिए. इंज्युरी यदि शिकायतकर्ता के आवेदन पर पुलिस ने कराई है तो मामले में सामाजिक स्तर पर सुलह गैर कानूनी होगा. किन परिस्थितियों में यह सुलह हुआ है इसको पुलिस को गंभीरता से लेनी चाहिए. ऐसे सुलह से समाज में गलत संदेश जाता है और अपराधियों के हौंसले बुलंद होते हैं.
क्या कहा थानेदार ने
इस मामले में थाना प्रभारी नितिन कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. मारपीट का मामला आया था, मगर दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से समझौता कर लिया है. चोट गंभीर नहीं है. तलवार से हमले की जानकारी उन्हें नहीं है.