सरायकेला: जिले के आदित्यपुर थाना पुलिस ने फर्जी पुलिस बनकर वसूली करने के मामले में फरार कुणाल नंदी उर्फ बिट्टू नंदी को करीब डेढ़ महीने की मशक्कत के बाद सोमवार को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है. पुलिस ने बिट्टू के पास से एक स्विफ्ट कार भी बरामद किया है.


मालूम हो कि बिट्टू अपराधकर्मी विक्की नंदी का बड़ा भाई है. पुलिस के अनुसार उसके खिलाफ भी पूर्व से आपराधिक मामले दर्ज हैं. उसपर आरोप है कि बीते 5 अप्रैल 2025 की रात वह एक बोलेरो से घूम रहा था जिससे पुलिस ने पुलिस का बोर्ड, दर्जनों एटीएम कार्ड, वॉकी- टॉकी, जमीन के कागजात आदि बरामद किए थे. उसके साथ एक अन्य युवक भी था जो फरार है. पुलिस ने मामले में जेल में बंद उसके भाई विक्की नंदी को भी आरोपी बनाया है. हालांकि विक्की नंदी जेल से बाहर आ चुका है. उसकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है.
अपनों की साजिश का शिकार हो गया बिट्टू !
सूत्रों की माने तो करीब डेढ़ महीने तक फरारी काटने के दौरान गिरफ्तारी से बचने के लिए बिट्टू ने कई हथकंडे अपनाए. इसके चक्कर में उसने अपने करीबियों के हाथों पांच लाख रुपये लुटवा दिए. खबर है कि इस दौर में उसने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर किया जिसमें केस डायरी की मांग की गई थी. उसके दो करीबियों ने जांच अधिकारी को मैनेज करने के एवज में पांच लाख रुपए ऐंठ लिए और भरोसा दिलाया कि जांच अधिकारी मैनेज हो गया है अब तुम शहर आ सकते हो. बिट्टू ने उनपर भरोसा किया और वापस शहर आ गया. मगर उसे क्या मालूम कि उसके करीबियों ने ही उसकी कब्र खोद रखी है. जैसे ही पुलिस को उसके शहर आने की भनक लगी और उसे रविवार देर शाम इमली चौक के समीप से गिरफ्तार कर लिया.
जेल में बिट्टू की जान को हो सकता है खतरा
सूत्र बताते हैं कि बिट्टू जेल जाने से इसलिए डर रहा था कि उसे अपनी जान का खतरा नजर आ रहा था क्योंकि संतोष थापा गिरोह के कई सदस्य इन दिनों जेल में बंद हैं. उसे इसी बात की चिंता थी और इसी कारण से उसने अपने करीबियों पर भरोसा करके गिरफ्तारी से बचने के लिए जांच अधिकारी को मैनेज करने के नाम पर पांच लाख दे दिए, मगर उन्होंने संभवतः ऐसा नहीं किया और न केवल उसके पैसे डकार लिए बल्कि उसकी सूचना भी पुलिस को दे दी. विदित हो संतोष थापा और विक्की नंदी गिरोह आपस में जानी दुश्मन हैं. कभी संतोष थापा गिरोह भारी पड़ता है तो कभी विक्की नंदी गिरोह. हाल ही में विक्की नंदी थापा गिरोह के सदस्य की हत्या मामले में बरी होकर बाहर निकला है. मगर इस मामले में उसका नाम आने पर वह फिर से भूमिगत हो गया है और अपने भाई के साथ हुए छल का बदला लेने की फिराक में जुट गया है.
