आदित्यपुर/ Bipin Varshney नगर निगम वार्ड- 34 के बाबाकुटी के लोगों को इस साल भी छठ के मौके पर मायूसी हाथ लगने वाली है. हालांकि उपायुक्त के निर्देश पर प्रशासक रवि शंकर ने पिछले दिनों बाबाकुटी छठ घाट का निरीक्षण करने पहुंचे थे, मगर उन्हें वस्तुस्थिति की जानकारी नहीं थी. वे वहां विभागीय अधिकारियों के साथ नए सिरे से घाट निर्माण का जायजा लेने पहुंचे थे और डीपीआर तैयार करने की तैयारी में थे.
मीडिया से बातचीत के क्रम में उन्हें जब इसकी जानकारी हुई कि वहां मामला भ्रष्टाचार का है. तब उनके कान खड़े हुए और आनन- फानन में पिछला फाइल खुलवाया. जिसके बाद उन्हें वास्तविकता की जानकारी हुई. तत्काल उन्होंने विभागीय अधिकारियों को तत्कालीन जेई और ईओ को नोटिस जारी करने और संवेदक को काली सूची में डालने का आदेश दिया.
क्या है पूरा मामला
नगर निगम के वार्ड 34 में पिछले कार्यकाल के दौरान 65 लाख रुपए की लागत से बाबा कुटी में छठ घाट का निर्माण कराया गया था जो उद्घाटन से पहले ही धराशाई हो गया. तत्कालीन उपायुक्त अरवा राजकमल ने खुद स्थल का भौतिक निरीक्षण करने के बाद जांच के आदेश दिए थे. पिछले साल छठ पर्व के पूर्व ही उक्त घाट को डेंजर जोन घोषित कर दिया गया था. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने जमकर बवाल काटा था. तत्कालीन एसडीओ पारुल सिंह को लोगों का काफी विरोध झेलना पड़ा था. उन्होंने भरोसा दिलाया था कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नए सिरे से घाट का निर्माण कराया जाएगा. विभागीय स्तर पर जांच भी शुरू हुआ मगर अधिकारियों के तबादले के बाद मामला ठंडा बस्ते में चला गया. यूं कहें तो मामले की फ़ाइल अंदर के बाबुओं के इशारे पर बंद कर दिया गया. इधर उपायुक्त रविशंकर शुक्ल ने मामले पर गंभीरता दिखाते हुए वर्तमान नगर आयुक्त को उक्त घाट में पिछले साल हुए परेशानियों को देखते हुए दुरुस्त करने का निर्देश दिया, मगर वर्तमान प्रशासक को इस बात का अंदाजा नहीं था कि वहां मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है. उन्होंने नए सिरे से घाट का प्रारूप तैयार कर डीपीआर बनाने की तैयारी करने का निर्देश दे दिया. इसी बीच मीडिया कर्मियों से जब उन्हें वस्तु स्थिति की जानकारी हुई तो उन्होंने पुराना फाइल खंगालना शुरू किया. वैसे इतना तो साफ हो गया है कि इस साल भी बाबाकुटी वासियों को लोक आस्था के महापर्व छठ के मौके पर परेशानियां झेलनी पड़ेगी. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े 65 लाख के छठ घाट में दोष किस पर मढ़ा जाएगा. फिलहाल संवेदक को काली सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, मगर जनता के टैक्स के उन पैसों का क्या होगा जिसका बंदरबांट कर लिया गया !