आदित्यपुर: अंबेडकर विचार मंच आदित्यपुर- गम्हरिया के तत्वावधान में आदित्यपुर -2, रोड नंबर- 10 स्थित कल्याण कुंज सभागार में संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती समारोह धूमधाम से आयोजित की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता कुमार बिपिन बिहारी प्रसाद एवं संचालन प्रमोद गुप्ता व सत्य नारायण साहू ने किया.


कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह द्वारा दीप प्रज्वलित कर एवं बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के चरणों में पुष्प अर्पित कर की गई. कार्यक्रम के दौरान बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के मूल मंत्र “शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो” को अपनाने एवं उनके बताए रास्ते पर चलकर उनके सपनों का समाज बनाने का संकल्प लिया गया.
कार्यक्रम में पूरे देश में जातीय जनगणना कराने, जनसंख्या के अनुपात में एसटी एससी ओबीसी को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने, निजी क्षेत्रों में आरक्षण लागू करने, लोकसभा विधानसभा राज्यसभा विधान परिषद शहरी निकायों जिला परिषदों में भी जनसंख्या के अनुपात में एसटी/ एससी- ओबीसी को आरक्षण देने की मांग की गई.
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि पुरेंद्र नारायण सिंह ने कहा कि भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर ने देश को संविधान देकर देश एवं देश में रहने वाले सभी जाति धर्म संप्रदाय और वर्गों का मार्गदर्शन किया. लेकिन दु:ख होता है कि आज कुछ लोग महापुरुषों को भी जातियों में बांटने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाबा साहब को बचपन में स्कूलों में कक्षा में बैठने नहीं दिया जाता लेकिन उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी उच्च शिक्षा ग्रहण किया और 32 डिग्रियां तथा चार- चार भाषाओं में पीएचडी की. पढ़ाई के उपरांत उन्होंने जब नौकरी ग्रहण की तो दफ्तर में उनके साथ जाति के नाम पर भेदभाव किया गया. मजबूरन उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी. लेकिन, देश की आजादी के बाद उन्होंने ऐसा संविधान लिखा जिसमें सभी धर्म वर्ग और जातियों को समानता का अधिकार दिया गया, जो आज भी सर्वमान्य है.
पुरेंद्र नारायण सिंह ने तथागत बुद्ध, महात्मा कबीर, महात्मा ज्योतिबा फुले को स्मरण करते हुए कहा कि बाबा साहब के सपनों का समाज बनाने के लिए हम कृत संकल्पित है. उन्होंने बहुजन समाज का आहवान करते हुए कहा कि “100 में 90 शोषित है, 90 भाग हमारा है, धन धरती और राज पाठ में 90 भाग हमारा है, 90 पर 10 का शासन नहीं चलेगा, नहीं चलेगा” एवं “जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी हो उतनी भागीदारी” को लागू कराने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने की रणनीति बनाएं.
पुरेंद्र नारायण सिंह ने आगे कहा कि बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर सिर्फ दलितों के नहीं बल्कि सभी कमजोर वर्गों, महिलाओं मजदूरो बेजुबानो के नेता थे. उन्होंने कहा कि बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर ने संविधान में पिछड़े वर्गों के लिए विशेष अवसर का प्रावधान किया था जिसके चलते 1992 में मंडल कमीशन के तहत पिछड़ों को सरकारी नौकरियों में 27% आरक्षण की व्यवस्था हो पाई. बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर ने महिलाओं के लिए ग्रेच्युटी, पे ग्रेड, चाइल्ड केयर लीव मैटरनिटी लीव एवं मजदूरों के लिए ट्रेड यूनियन की लड़ाई लड़ी थी. कार्यक्रम में एसएन यादव, सिद्धनाथ सिंह यादव, सत्येंद्र प्रभात, यदुनंदन राम, मनोज पासवान, देव प्रकाश देवता, डॉ राजेश गुप्ता, राजेश्वर पंडित, गोपाल प्रसाद साहू, कार्तिक चंद्र साहू, देवेंद्र प्रसाद साहू उर्फ़ गोपाल साहू, राजेश कुमार गुप्ता, शंभू साहू, बिहारी गोंड, रामचंद्र पासवान, राजेंद्र प्रसाद, अर्जुन प्रसाद, सुरेश प्रसाद साहू, ज्ञान चंद्र साहू, धनंजय साहू, विनोद जायसवाल, उत्कर्ष कुमार, दीपक कुमार, महादेव प्रसाद, विनोद कुमार गुप्ता, राम विनोद गुप्ता, योगेंद्र प्रसाद, सदाशिव साहू, जयप्रकाश गुप्ता इत्यादि उपस्थित थे.
