कड़े संघर्ष और कई वायदों और आश्वासनों के दम पर झारखंड की वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार पिछली भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल कर सत्तासीन हुई है. भले हेमंत सोरेन सरकार जनता से किए गए वायदों पर खरा उतरने में अब तक नाकाम साबित हुई है, लेकिन अगर यह कहा जाए, कि हेमंत सोरेन सरकार भी पिछली रघुवर सरकार की राह पर है, तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी.
आपको याद दिला दें, कि पिछले रघुवर सरकार के दौरान जिस तरह भाजपाइयों की गुंडागर्दी से पुलिस- प्रशासन से लेकर आम लोग त्रस्त थे, उसी तरह दो साल पुरानी हेमंत सोरेन सरकार की सहयोगी दल कांग्रेस के बेलगाम नेताओं और कार्यकर्ताओं के आतंक से आम लोग आजिज आ चुके हैं. गिरते कानून व्यवस्था, महिला उत्पीड़न और बेलगाम होते अपराधियों के आतंक से राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर है. विपक्ष अपने अतीत को भूल सरकार पर चौतरफा हमला करने का कोई अवसर नहीं चूक रहा है. ऐसे में सरकार को पुनर्मूल्यांकन करने की जरूरत है. अन्यथा जनता बार- बार गलती नहीं कर सकती.
हम बात कर रहे हैं सरायकेला- खरसावां जिले की. जहां एक युवक को रिहायशी इलाके में शराब दुकान का विरोध करना महंगा पड़ गया है. घटनाक्रम बीते 21 जुलाई की रात 10 बजकर 19 मिनट से शुरू होता है. एक युवक जिसका नाम नीलेश कुमार पांडेय है. वह किसी काम को लेकर आदित्यपुर थाना अंतर्गत बैंक ऑफ बड़ौदा के समीप स्थित होटल खाना खजाना के समीप खड़ा था.
इसी बीच धीरज सिंह और सूरज चौधरी नामक दो युवक वहां आ धमके और गाली गलौज करते हुए निलेश कुमार पांडेय पर हमला कर दिया. इतने में क्षेत्र की कांग्रेसी सांसद गीता कोड़ा के प्रतिनिधि मोनू झा भी वहां आ पहुंचे और उन्होंने भी आव देखा न ताव, युवक की बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी. युवक का कुसूर बस इतना था, कि उसने शराब दुकान की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. यह पूरा घटनाक्रम मौके पर मौजूद सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया. युवक ने इसकी शिकायत आदित्यपुर थाने में दर्ज करा दी.
जिसमें युवक ने बताया, कि धीरज सिंह और सूरज चौधरी के साथ कांग्रेसी नेता मोनू झा ने उसके साथ मारपीट की और उसके कान की सोने की बाली भी छीन ली. साथ ही सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को उपलब्ध करा दिया. जिसके बाद आदित्यपुर थाना पुलिस ने कांड संख्या 244/ 21 दर्ज करते हुए धारा 342, 323, 504, 506, 379, 34, 2PC के तहत मामला दर्ज कर लिया. हालांकि इस दौरान मौका- ए- वारदात पर और भी युवक मौजूद थे. उनकी क्या भूमिका थी, इसका जिक्र नहीं किया गया है. वही आदित्यपुर थाना पुलिस द्वारा अब तक मामले में अनुसंधान या आरोपी कांग्रेसी नेता व अन्य के खिलाफ कोई कार्रवाई सिर्फ इसलिए नहीं की जा सकी है, क्योंकि पीड़ित युवक द्वारा दो गवाह उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. पुलिस के अनुसार जब तक 2 गवाह और उनका आधार कार्ड नहीं दिया जाएगा तब तक किसी तरह की कोई कार्रवाई संभव नहीं है.
इधर मामले को लेकर भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष रश्मि साहू ने सरकार और स्थानीय प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुए पूरे मामले पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया, कि जिस जगह शराब दुकान खोलने का आदेश विभाग द्वारा दिया गया है, वहां दुर्गा पूजा मैदान है.सामने ही एक स्कूल है, शराब दुकान के आसपास रिहायशी इलाका है. शराब दुकान होने की वजह से मैदान और सड़क पर शराबियों का मजमा लगा रहता है. जिससे महिलाओं एवं आम लोगों को सड़क पर चलने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया, कि कई बार इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन से की गई.
आबकारी विभाग के समक्ष भी आपत्ति दर्ज कराई गई, लेकिन आबकारी विभाग द्वारा नियम कानून को ताक पर रखकर शराब दुकान के लिए लाइसेंस निर्गत कर दिया गया. इसकी आड़ में भाजपा नेत्री ने सरकार पर भी हमला करते हुए राज्य में गिरते कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए. वैसे अहम सवाल यह भी है, कि आखिर सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने के बाद भी अब तक दोषी कांग्रेसी नेता और दो अन्य युवक खुलेआम कैसे घूम रहे हैं. लगातार विपक्ष के हमलावर रुख को देखते हुए ऐसे मामलों पर अगर वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार चुप रहती है, तो आने वाले दिनों में इसका खामियाजा भी सरकार को ही भुगतना होगा. वैसे कांग्रेसी नेता के इस कृत्य की हर ओर भर्त्सना हो रही है. क्या सांसद गीता कोड़ा अपने प्रतिनिधि के इस कृत्य पर कोई कार्यवाई करती है या वो भी मौन धारण ही रखती है. यह भी एक अहम सवाल है.
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