कल शपथग्रहण के साथ ही चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के 16वें मुख्यमंत्री बन जाएंगे। इस पद तक पहुंचने की उनकी यात्रा कई उतार-चढ़ाव से भरी रही है। पंजाब सरकार की वेबसाइट के मुताबिक चन्नी तीन बार पार्षद भी रह चुके हैं। बाद में वह खरार म्यूनिसपल काउंसिल के दो बार प्रेसीडेंट भी रह चुके हैं। बता दें कि राजनीति चन्नी के रगों में दौड़ रही है। उनके पिता हर्ष सिंह किसी जमाने में अपने गांव के सरपंच रह चुके हैं। चरणजीत सिंह चन्नी का जन्म दो अप्रैल, 1972 को चमकौर साहिब के नजदीक मकरोना कलां गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम हर्ष सिंह और माता का नाम अजमेर कौर है। हर्ष सिंह अपने गांव के सरपंच रह चुके हैं। बाद में वह ब्लॉक समिति के सदस्य भी बने। चन्नी को शुरू से राजनीति का माहौल मिला। वह अपने स्कूली दिनों से ही राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने लगे थे। चन्नी अपने स्कूल स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
सेकंडरी एजुकेशन के बाद चन्नी ने चंडीगढ़ स्थित गुरु गोविंद सिंह कॉलेज में उच्च शिक्षा हासिल की। ग्रेजुएशन करने के बाद वह पहुंचे पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ और यहां से कानून की डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने पीटीयू जालंधर से एमबीए भी किया। फिलहाल पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से अपनी पीएचडी पूरी कर रहे हैं। पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी राजनीति के माहिर खिलाड़ी तो हैं ही, साथ ही हैंडबॉल के भी बेहतरीन प्लेयर हैं। उन्होंने हैंडबॉल खेलते हुए कई इनाम अपने नाम किए हैं। उन्होंने हैंडबॉल में पंजाब यूनिवर्सिटी का तीन बार प्रतिनिधित्व किया है और इंटर यूनिवर्सिटी स्पोटर्स मीट में गोल्ड मेडल भी जीता है। इसके अलावा उन्होंने नेशनल लेवल पर भी हैंडबॉल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है।
चन्नी साल 2007 में पहली बार चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए। इसके बाद 2012 और 2017 में भी वह चुनाव जीतने में सफल रहे। साल 2015 में चन्नी पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं। वहीं 2017 में वह टेक्निकल एजुकेशन एंड इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग, एंप्लॉयमेंट जनरेशन और साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री संभाल चुके हैं।