सरायकेला: सरायकेला के बड़बिल स्थित आदिवासी हो समाज कला एवं संस्कृति भवन में आदिवासी कोल मुंडा हो समाज सह मानकी मुंडा, केनेया, देवाँ दिउरी के तीन दिवसीय महासम्मेलन का रविवार को समापन हुआ. महासम्मेलन के अंतिम दिन मानकी मुंडा के व्यवस्था पर चर्चा करते हुए इसके संरक्षण, विकास व स्वशासन को लेकर विचार विमर्श किया गया.
बताया गया कि मानकी मुंडा व्यवस्था के संरक्षण के लिए सभी मानकी मुंडा को एकजूट होकर आगे बढना होगा. साथ ही मुंडा पद, केनेया डाकुवा पद, दियुरी पद, देवाँ पद, मानकी, क्षेत्रीय मानकी एवं पीढ़ मानकी पद पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई. तथा अति प्राचीन मानकी मुंडा सामाजिक एवं न्यायिक व्यवस्था को बचाने, संरक्षित और विकसित करने तथा सभी पदों के बीच तालमेल स्थापित करने जैसे विषयों पर चर्चा की गई. महासम्मेलन में मुख्य रुप से साहित्यकार डोबरो बिरुली, पूर्व शिक्षक बागुन बोदरा, संरक्षक विष्णु बानरा, कोलु झारखंड बोदरा, दुर्गा सोय, शिवा गोडसरा, पूर्व सैनिक शंकर सोय, मांदरु हेम्ब्रम, नदिया हेम्ब्रम, दामोदर ओमंग, चरण बोदरा, राजकिशोर लोहरा, राम पूर्त्ति, सतीश सामड व सुरज तामसोय समेत अन्य उपस्थित थे.
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