सरायकेला: सरायकेला के बड़बिल स्थित कला संस्कृति भवन में तीन दिवसीय मानकी मुंडा सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. मानकी मुंडा सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को समाज के पारंपरिक रीति रिवाजो की जानकारी देते हुए इसके संरक्षण को लेकर मानकी मुंडा को विशेष ध्यान देने की बात कही गयी.
सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे मानकी मुंडा द्वारा स्वायत्त शासन की जानकारी देते हुए मानकी मुंडा व्यवस्था के संरक्षण पर जोर दिया. सम्मेलन में समाज में जन्म मरण दस्तूर व विवाह संस्कार को लेकर विस्तृत चर्चा की गयी. इस दौरान सम्मेलन में उपस्थित मानकी मुंडा संघ के संरक्षक विष्णु बानरा ने कहा हमें अपने अगले पीढी को मानकी मुंडा शासन व्यवस्था व सामाजिक व्यवस्था की पूरी जानकारी देनी होगी तभी उसका संरक्षण होगा. पारंपरिक सामाजिक व्यवस्था के संरक्षण में ही समाज का विकास होगा. उन्होने बताया मुंडा मानकी प्रथा झारखंड के जनजाति की पारम्परिक शासन व्यवस्था है, जिसे बचाए रखना हम सबका दायित्व व कर्त्तव्य है. सम्मेलन में मानकी मुंडा द्वारा मांग किया गया कि जिस प्रकार एक पीढ़ में एक मानकी होता है उसी प्रकार राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर भी एक मानकी मनोनीत किया जाना चाहिए ताकि मानकी मुंडा व्यवस्था को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके. मौके पर कोल झारखंड बोदरा, विष्णु बानरा, सीताराम तियु, मानकी बानरा, मांदरु हेम्ब्रम व सावित्री कुदादा समेत अन्य उपस्थित थे.