SARAIKELA बिजली आपूर्ति और बिजली बिल को लेकर बिजली विभाग की अनिवार्य सेवा अक्सर चर्चा में रहती हुई देखी गई है. इसी क्रम में एक नया वाकया सामने आया है. जहां बिजली विभाग ने एक दिव्यांग उपभोक्ता को दो बल्ब और एक पंखे के 2 महीने का बिजली बिल 2.19 लाख भेज दिया, जो 4 सालों में बढ़कर आज 2.77 लाख लागभग हो गया है.
जी हां, यह मामला सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत वार्ड संख्या चार स्थित गेस्ट हाउस सुंदरपुर का है. जहां के उपभोक्ता 27 वर्षीय दिव्यांग मृत्युंजय पोद्दार को उक्त बिल भेजा गया है. इसे लेकर दिव्यांग मृत्युंजय पोद्दार और दृष्टि से कमजोर उनके 82 वर्षीय पिता रमेश चंद्र पोद्दार बिजली विभाग के चक्कर लगाकर थक चुके हैं. दिव्यांग मृत्युंजय ने इसकी शिकायत विभाग के अलावा उपायुक्त सहित मुख्यमंत्री जनसंवाद और पीएमओ ऑफिस तक की है, परंतु मामला अभी तक ढाक के तीन पात का बना हुआ है. जहां बिजली विभाग द्वारा संपर्क करने पर हर बार मामले का निष्पादन करने का आश्वासन देकर मामले को टाल दिया जाता है.
क्या है मामला
दिव्यांग मृत्युंजय बताते हैं कि वर्ष 2017 में उन्होंने बिजली कनेक्शन लिया था. जिसके 2 महीने बाद बिजली विभाग द्वारा 558 का उचित बिजली बिल भेजा गया था. जिसका भुगतान कर दिया गया था. उसके ठीक 2 महीने बाद अगला बिजली बिल 2 लाख 19 हजार रुपए का बिल विभाग द्वारा भेजा गया, जो समझ से परे होने के कारण मृत्युंजय द्वारा बिजली विभाग को इसकी शिकायत की गई. परंतु कोई कार्रवाई नहीं होता देख मृत्युंजय ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री जनसंवाद में करते हुए इसके निष्पादन की गुहार लगाई थी. जिसके बाद बिजली विभाग द्वारा मृत्युंजय के घर में लगा बिजली मीटर बदल दिया गया, और आश्वासन दिया गया, कि जल्द ही संशोधित बिजली बिल भेजा जाएगा. परंतु अगला बिजली बिल भी बढ़ा हुआ आया.
मृत्युंजय ने पीएमओ में की शिकायत
मामले का निष्पादन नहीं होता देख दिव्यांग मृत्युंजय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को इस संबंध में पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है. बीते वर्ष 13 अप्रैल को प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर मृत्युंजय ने बताया है कि वर्ष 2017 में बिजली विभाग द्वारा करीब 2 लाख का बिजली बिल भेजा गया था, जो वर्ष 2021 तक तकरीबन 2 लाख 35 हजार हो गया है. विभाग को बार- बार आवेदन देने के बाद भी मामले पर टालमटोल किया जाता है. मृत्युंजय ने बताया है कि वह देश का एक जिम्मेदार और इमानदार नागरिक होने के नाते बिजली बिल का भुगतान करना चाहता है, परंतु दिया गया बिजली बिल पूरी तरह से अनुचित है. इसके बाद मृत्युंजय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को बीते वर्ष 5 मई, 10 जुलाई, 21 सितंबर और इस वर्ष 15 फरवरी को रिमाइंडर भेज कर समस्या के समाधान की गुहार लगाई है.
दृष्टि से कमजोर पेंशन पर आधारित है परिवार
27 वर्षीय मृत्युंजय शारीरिक तौर पर 75% दिव्यांग है. 82 वर्षीय उनके पिता रमेश चंद्र पोद्दार दृष्टि से कमजोर है. जिन्होंने मृत्युंजय की पढ़ाई के लिए वर्ष 2017 में बिजली कनेक्शन लिए जाने की बात कही है. और आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवार का पूरा खर्च पेंशन पर आधारित है. ऐसे में इतनी अधिक बिजली बिल का भुगतान कर पाना उक्त परिवार के लिए संभव नहीं बताया जा रहा है.