ADITYAPUR सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर थाना क्षेत्र स्थित मिथिला मोटर्स कंपनी के मैनेजर राज रतन श्रीवास्तव ने सोमवार को घर में फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली. राज के आत्महत्या की खबर सुनते ही सहकर्मियों को कानों पर भरोसा नहीं हुआ.
राज रतन
खबर सुन राज के सारे सहकर्मी एमजीएम अस्पताल में जुटने लगे. कोई यह मानने को तैयार नहीं था, कि राज आत्महत्या कर सकता है. नाम नहीं छापने की शर्त पर मिथिला मोटर्स के एक कर्मी ने बताया कि राज पिछले 13 साल से कंपनी में काम कर रहे थे. सभी कर्मचारियों एवं मैनेजमेंट के अधिकारियों के साथ उनके मधुर संबंध थे. सोमवार को पत्नी की तबियत खराब होने का हवाला देकर ड्यूटी पर नहीं आए थे. दोपहर तक दोस्तों के साथ चैटिंग किया था वे ऐसा कदम उठा लेंगे यकीं नहीं हो रहा. वे बेहद ही खुशमिजाज और जिंदादिल इंसान थे, बीते 12 फरवरी को आदित्यपुर- 1 दस नम्बर रोड निवासी बसंत सिंह की बेटी से प्रेम विवाह किया था, जिसके बाद वे अपने माता- पिता से अलग आइडीटीआर के समीप स्थित साई आंचल सोसायटी में किराए की मकान में रह रहे थे. उनका परिवार जमशेदपुर के परसुडीह के बारीगोड़ा में रहता है. कर्मी ने बताया कि शादी के बाद से ही राज परेशान रह रहे थे. पहले की तरह खुशमिजाज और जिंदादिली गायब था. काम जल्दी खत्म कर घर चले जाते थे, जबकि पहले छुट्टी के बाद घंटों दोस्तों और सहकर्मियों के साथ बिताते थे. उन्होंने बताया कि राज को शादी के बाद अपनी पत्नी के चरित्र पर शक होने लगा था, उसका कारण उन्होंने अपने फुफेरे श्वसुर सत्यप्रकाश को बताया था. बतौर कर्मचारी सत्यप्रकाश को लेकर अक्सर राज चिंतित रहते थे. घर पर नहीं होने पर अक्सर वे यहां आते और घंटों उनकी पत्नी संग बिताते थे. रिश्तों की अहमियत को लेकर कुछ बोल नहीं पाते थे. पत्नी बगैर उन्हें बताए उनके साथ मायके के बहाने शॉपिग करने निकल जाया करती थी. घर की एक चाबी उनके छोटे साले और दूसरी चाबी राज के पास रहती थी.
घटना की सूचना और एमजीएम से साले व सत्यप्रकाश के फरार होने एवं पत्नी के बयान पर गहराया शक
राज रतन श्रीवास्तव के फांसी लगाने की सूचना राज की पत्नी पिंकी ने कंपनी के सहकर्मी को दी, मगर उससे पहले ही राज के छोटे साले और फुफेरे श्वसुर ने पुलिस को सूचना देते हुए एमजीएम अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने राज को मृत घोषित कर दिया. उसके बाद साले ने घोषणा पत्र पर गलत मोबाइल नंबर देकर अपने फूफा यानी सत्यप्रकाश के साथ मौके से फरार हो गया. जब कंपनी के सहकर्मी एमजीएम अस्पताल पहुंचे तो वहां कोई नहीं था. सहकर्मियों ने राज के पिता को इसकी जानकारी दी. उसके बाद पिता एवं राज के अन्य रिश्तेदार एमजीएम अस्पताल पहुंचे.
मेरा बेटा इतना कमजोर नहीं था: मंगल प्रसाद
बेटे की मौत की खबर सुनकर एमजीएम अस्पताल पहुंचे राज रतन श्रीवास्तव के पिता मंगल प्रसाद ने कहा मेरा बेटा इतना कमजोर नहीं था. वह आत्महत्या नहीं कर सकता है. उसकी हत्या की गई है. उन्होंने अपनी बहू छोटे साले और बेटे के फेरे श्वसुर यानी बहू के फूफा सत्यप्रकाश पर बेटे की हत्या का आरोप लगाते हुए आदित्यपुर थाने में मामला दर्ज कराया है. दर्ज एफआईआर में उन्होंने लिखा है, कि राज ने परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ शादी की थी. शादी के बाद से ही साईं आंचल में पत्नी के साथ रह रहा था. पत्नी अपने छोटे भाई को अपने साथ ही रखती थी.
क्या कहती है पुलिस
इस संबंध में आदित्यपुर थाना प्रभारी आलोक कुमार दुबे ने बताया, कि मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाई की जाएगी. परिजनों ने जो आरोप लगाए हैं, उस बिंदु पर भी तफ्तीश की जाएगी. फिलहाल मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है. मामला दर्ज कर लिया गया है तफ्तीश जारी है.
क्या कहा प्रबंधन और कर्मियों ने
घटना की जानकारी मिलते ही मिथिला मोटर्स में काम कर रहे राज रतन श्रीवास्तव के सहकर्मियों को पहले तो कानों पर यकीन नहीं हुआ. कुछ कर्मचारी उनके घर की तरफ भागे, तो कुछ एमजीएम अस्पताल की ओर. धीरे- धीरे कंपनी के लगभग सभी कर्मचारी एमजीएम अस्पताल पहुंच गए. किसी को इस बात का भरोसा नहीं हो रहा था, कि उनके बीच का एक अधिकारी इस तरह दुनिया से रुखसत हो जाएगा. कल तक हंसता- खेलता इंसान आज अचानक से आत्महत्या जैसी घटना को अंजाम दे देगा. हर कर्मचारियों के जुबान पर राज रतन श्रीवास्तव के प्रति सहानुभूति नजर आ रही थी. यहां तक कि देर रात तक सभी सहकर्मी आदित्यपुर थाने में राज रतन श्रीवास्तव के पिता के साथ डटे रहे.
राज रतन की पत्नी
मगर इस पूरे घटनाक्रम के दौरान राज्य रतन श्रीवास्तव की पत्नी और ससुराल वाले कहीं नजर नहीं आए. वहीं इस संबंध में प्रबंधन के अधिकारियों से भी संपर्क साधने पर एक बड़े अधिकारी ने बताया, कि सोमवार को राज छुट्टी पर था इसलिए इस पर ज्यादा कुछ बोलना संभव नहीं है. पुलिस जांच कर रही है, जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. राज हमारा एक अच्छा अधिकारी था, मिलनसार और मृदुभाषी के साथ उत्पादक भी था. प्रबंधन द्वारा दिए गए हर कार्यों को बेहद ही कुशलता पूर्वक तरीके से निर्वहन करता था. प्रबंधन को उसकी कमी काफी खलेगी.