SARAIKELA झारखंड सरकार के आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चंपाई सोरेन की पहल एवं प्रयास पर तथा बहरागोड़ा विधायक समीर महंती की उपस्थिति में क्षेत्र का एक प्रतिनिधिमंडल उड़िया भाषा के उत्थान एवं संरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की. इस अवसर पर प्रतिनिधि मंडल द्वारा मुख्यमंत्री को झारखंड राज्य के स्थानीय निवासी उड़िया भाषाई अल्पसंख्यक के विभिन्न समस्याओं का निराकरण करने को लेकर 27 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया.
प्रतिनिधिमंडल में शामिल राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री दिनेश कुमार षाड़ंगी, सरायकेला नगर पंचायत अध्यक्षा मीनाक्षी पटनायक, सरायकेला राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव, खरसावां राजा गोपाल नारायण सिंहदेव, समाजसेवी पितवास प्रधान, अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व आप्त सचिव नंदू कुमार पांडे एवं खरसावां के विप्लव कुमार पाणी द्वारा मांगपत्र सौंपते हुए मांग की गई कि कोल्हान प्रमंडल के 350 प्राथमिक एवं मध्य उड़िया विद्यालयों की पुनः जांच करा कर उक्त विद्यालयों को उड़िया विद्यालय घोषित करते हुए श्री गीत पद पर हिंदी के बदले उड़िया किया जाए.
माध्यमिक शिक्षा के लिए चिन्हित कर उड़िया मध्य विद्यालयों को उत्क्रमित उच्च विद्यालय किया जाए. साथ ही भाषा एवं विषयवार पद सृजित किया जाए. कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिलों में भाषा विसंगति को चिन्हित कर उड़िया भाषी प्रक्षेत्र के विद्यालय में उड़िया शिक्षक अविलंब पदस्थापित किया जाए. उड़िया शिक्षक नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता को समाप्त किया जाए. कक्षा पहली से लेकर 12वीं तक की सभी पुस्तकों का प्रकाशन कर वितरण किया जाए. इनके अलावा अन्य मांगों के साथ-साथ आर्थिक विकास एवं नियोजन तथा उड़िया भाषीयों के महापुरुषों के सम्मान एवं सांस्कृतिक संरक्षण और विकास की मांगे मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गई. जिसमें सिंहभूम के स्वतंत्रता संग्राम एवं असहयोग आंदोलन के जन दाता पंडित गोपबंधु दास, गोदावरीश मिश्र एवं दूलु मानकी के साथ-साथ शिवम के मूधेन्य तथा झारखंड वनांचल आंदोलनकारी राजनीतिक बेताज बादशाह पूर्व मंत्री सह पूर्व सांसद बागुन सुम्ब्रुई एवं पूर्व मंत्री सह पूर्व सांसद रूद्र प्रताप सारंगी तथा उड़िया भाषा संग्रामी कमल कृष्णा प्रधान की मूर्ति स्थापित किए जाने की मांग प्रतिनिधिमंडल द्वारा की गई.