सरायकेला: गुरुवार को झारखंड विधानसभा में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2022-23 के बजट पर केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह बजट सरसरी तौर पर प्रतिगामी और विकास को नकारने वाला प्रतीत होता है. यह कहीं से भी राज्य के लिए अपेक्षित विकास और चुनौतियों के लिए समीचीन नहीं कहा जायेगा. एक ओर संसाधन अभिवृद्धि में वित्तीय प्रबंधन नकारा सिद्ध हो रहा है, वहीं उपबंधित राशि के विनियोजन सही समय पर सफलतापूर्वक नहीं किये जाने के कारण जमीनी स्तर पर इसके आउटकम नहीं दिखाई पड़ता है. झारखंड में विकास की असीम संभावनाएं हैं. आवश्यकता इस बात की है कि समय सापेक्ष चुनौतियों को अपने आर्थिक प्रबंधन एवं सकल विनियोजन को साकार करने की. केंद्र सरकार ने जहां ससमय केंद्रीय करों, अंशदान एवं आर्थिक सहायता में कोताही नहीं बरती, वहीं राज्य सरकार कई मामलों में स्वकर राजस्व में भी पीछे है. जिस कारण उपबंधित राशि में कटौती दिखाई पड़ती है.
बजट घोर निराशावादी: मनोज कुमार चौधरी
सरायकेला: भाजपा नेता सह सरायकेला नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने झारखंड सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को घोर निराशावादी बताया है. उन्होंने कहा है कि बजट में छात्र, व्यवसाई और किसानों के लिए कुछ भी नहीं है. इसलिए बजट से कोई उम्मीद नहीं है. घोषणा के अनुरूप 300 यूनिट बिजली फ्री करने का वादा किया गया था, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं. उन्होंने बताया कि गरीबों और बेरोजगारों के लिए बजट में कोई रोडमैप तैयार नहीं किया गया है. कृषि लोन माफ करने के लिए बजट में कोई नया प्रावधान नहीं है. तीन कमरे का प्रधानमंत्री आवास देने की घोषणा का भी कुछ नहीं हुआ. इसलिए कुल मिलाकर बजट से लोगों को निराशा मिली है.