सरायकेला: उड़िया भाषा एवं संस्कृति की रक्षा के लिए स्थानीय उत्कलमणि आदर्श पाठागार भवन के सभागार में उड़िया भाषियों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव के नेतृत्व में गोपाबंधु दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया. उन्होंने संबोधन करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा जिस तरह हिंदी भाषी पारा टीचर को सहायक शिक्षक बनाया गया है, उसी तरह यहां के उड़िया शिक्षकों को पारा टीचर का दर्जा देते हुए इन्हें सहायक टीचर के रूप में अपडेट करें. उड़ीसा सरकार के साथ- साथ झारखंड सरकार को भी उड़िया भाषा एवं संस्कृति की रक्षा के लिए आगे आना पड़ेगा. इस दौरान खरसावां के राजा गोपाल सिंहदेव तथा राजमाता विजया द्वारा उड़िया भाषा संरक्षण के लिए सदैव एकजुट होकर कार्य करने का मंतव्य दिया गया. उन्होंने कहा कि केवल भाषा ही नहीं संस्कृति का भी संरक्षण जरूरी है. उन्होंने घर के माताओं को मातृभाषा की रक्षा करने के लिए मुहिम चलाने को कहा है. बैठक में नगर पंचायत के अध्यक्ष मीनाक्षी पटनायक ने कहा, कि राज्य सरकार इस दिशा में पहल करें अन्यथा उग्र आंदोलन के लिए उड़िया समाज बाध्य हो जाएगा. जमशेदपुर से आए मनोरंजन गिरी, अवनी कुमार एवं दशरथ प्रधान द्वारा कहा गया, कि सभी उड़िया भाषा- भाषी प्रयास करते रहे निश्चित ही सफलता मिलेगी. इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता गोलक पति, राजा सिंहदेव, जलेश कवि, शिवकुमार आचार्य वरिष्ठ शिक्षक श्यामा नंद ने भी संबोधित किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन नंदू पांडे द्वारा किया गया. इस अवसर पर सुदीप कुमार पटनायक, चिरंजीवी महापात्र, परशुराम कबि, बद्री दरोगा, लक्ष्मी प्रिया कर, रीता रानी, ज्योतसना कर, रूपम राणा, दुखु साहू उपस्थित रहे.
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