सरायकेला जिले की सामाजिक संस्था, जनकल्याण मोर्चा ने राज्य के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर आदित्यपुर थाना से सटे पीएचडी कार्यालय को जमशेदपुर शिफ्ट करते हुए लगभग 8.5 एकड़ जमीन नगर निगम को सौंपने की मांग की है, ताकि जमीन के अभाव में नगर निगम क्षेत्र में अवरुद्ध पड़े विकास कार्य तेज किया जा सके. प्रधान सचिव को लिखे गए चिट्ठी के आलोक में जन कल्याण मोर्चा के अध्यक्ष सह डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अधिवक्ता ओमप्रकाश ने बताया, कि एकीकृत बिहार एवं सिंहभूम जिले के समय में करीबन 1960 में लगभग 8.5 एकड़ जमीन लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (अब पेयजल एवं स्वास्थ्य विभाग) को सरकार द्वारा दी गयी थी, एवं उक्त जमीन पर चहारदीवारी भी है. उक्त जमीन आदित्यपुर थाना के ठीक सामने है. जिसका खाता संख्या 48 एवं प्लॉट संख्या 1274 है. वर्तमान में उक्त पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के चहारदिवारी के अंदर कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, आदित्यपुर प्रमंडल (शहरी), कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जमशेदपुर प्रमंडल, कार्यपालक अभियंता मैकेनिकल पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, अधीक्षण अभियन्ता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जमशेदपुर एवं इन्हीं विभागों से संबंधित अधिनस्थ कार्यालय एवं दर्जनों विभाग मकान है, जिसमें पदाधिकारीगण एवं कर्मचारीगण निवास करते हैं. उन्होंने बताया कि कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, आदित्यपुर प्रमंडल के अंतर्गत आदित्यपुर शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति के अलावा पूर्वी सिंहभूम जिले के मानगो, जुगसलाई इत्यादि क्षेत्र में भी जलापूर्ति की जाती है. सरकार के निर्णय के अनुसार अब आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में जलापूर्ति का कार्य नगर विकास विभाग के देखरेख में आदित्यपुर नगर निगम करने जा रहा है. इस प्रकार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, आदित्यपुर प्रमंडल के जिम्मे से आदित्यपुर में जलापूर्ति का देखरेख समाप्त हो जायेगा एवं उनके जिम्मे मानगो एवं जुगसलाई में जलापूर्ति रह जायेगा, जो दोनों ही पूर्वी सिंहभूम जिले में है. इस प्रकार इस प्रमंडल का क्षेत्राधिकार आदित्यपुर में समाप्त हो जाएगा. उसी तरह पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जमशेदपुर प्रमंडल का संपूर्ण कार्यक्षेत्र पूर्वी सिंहभूम जिले में ही है, उनका कोई कार्यक्षेत्र सरायकेला- खरसावां जिले में नहीं है. अधीक्षण अभियन्ता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जमशेदपुर अंचल का कार्यक्षेत्र संपूर्ण आदित्यपुर प्रमंडल एवं जमशेदपुर प्रमंडल है. इस प्रकार जब आदित्यपुर प्रमंडल से आदित्यपुर जलापूर्ति योजना निकल जायेगा तो अधीक्षण अभियंता जमशेदपुर का भी संपूर्ण कार्य क्षेत्र पूर्वी सिंहभूम ही रह जायेगा. इनका भी सरायकेला- खरसावां जिले में कहीं भी कोई कार्यक्षेत्र नहीं रह जाएगा. इस प्रकार जब उपरोक्त दोनों प्रमंडल एवं अधीक्षण अभियंता का कार्यक्षेत्र सिर्फ पूर्वी सिंहभूम ही होगा तो मैकेनिकल डिविजन का भी कार्यक्षेत्र पूर्वी सिंहभूम ही रह जायेगा. जब उपरोक्त सभी कार्यालय का कार्यक्षेत्र पूर्वी सिंहभूम ही होगा, तो उक्त सभी कार्यालयों का जिले से बाहर, आदित्यपुर (सरायकेला- खरसावां) में रहने का कोई औचित्य नहीं है.
इसी प्रकार जब सभी कार्यालय आदित्यपुर से शिफ्ट हो जायेंगे, तो उक्त विभाग से संबंधित सभी पदाधिकारी एवं कार्मचारीगण का आदित्यपुर में रहने का कोई कारण नहीं बनता है. उन्होंने बताया कि आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में भू-खण्ड की भारी कमी के चलते महत्वपूर्ण योजना यथा स्टेडियम, खेल के मैदान, सामुदायिक भवन, अत्याधुनिक बस स्टैण्ड, कार्यालय इत्यादि नहीं बन पा रहे है. प्रधान सचिव को लिखे चिट्ठी के माध्यम से उन्होंने उक्त सभी औचित्यहीन कार्यालय एवं आवासीय परिसर को पूर्ण रूप से खाली कराकर जनहित में सर्वोच्च उपयोगिता वाली योजना, जो पर्यावरण के दृष्टिकोण से पूर्ण लाभकारी हो, कार्यावन्यन के लिए आदित्यपुर नगर निगम को सौंपने की मांग की है, साथ ही यहां से हटाये जाने वाले सभी कार्यालय एवं उनके पदाधिकारियों के लिए पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन से पर्यावरण के मद्देनजर पर्याप्त स्थान कार्यालय एवं आवासीय परिसर भी शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की है.
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