कांड्रा: सरायकेला जिले में नक्सलियों के मंसूबे लगातार विफल हो रहे हैं. लगातार जिला पुलिस की टीम को नक्सलियों के खिलाफ अभियान में सफलता मिल रही है. यही कारण है कि एक करोड़ के इनामी खतरनाक नक्सली प्रशांत बोस उर्फ बूढ़ा से लेकर दुर्दांत नक्सली महाराज प्रमाणिक तक सलाखों के पीछे जा चुके हैं. इसमें सबसे बड़ी भूमिका कांड्रा थाना क्षेत्र की रही है. बता दें कि प्रशांत बोस नक्सली पत्नी शिला मरांडी व चार अन्य सहयोगियों के साथ कांड्रा थाना क्षेत्र के ही गिद्दीबेड़ा टॉल प्लाजा से दबोचा गया था. हालांकि राज्य पुलिस के आलाधिकारी इस सेहरा को न तो जिले के एसपी को बांधने दिया, न ही कांड्रा थाना प्रभारी को. मगर इतिहास के पन्ने जब भी पलटे जाएंगे उसमें प्रशांत बोस की गिरफ्तारी स्थल के रूप में कांड्रा थाने का ही जिक्र होगा.
प्रशांत बोस की तस्वीर
उसी प्रकार छः महीने बाद दुर्दांत नक्सली महाराज प्रामाणिक को पिछले दिनों राज्य पुलिस ने आत्मसमर्पण करने की बात कहते हुए सलाखों के पीछे भेजा है, मगर सूत्र बताते हैं कि महाराज छः माह पूर्व ही ईचागढ़ थाना पुलिस के हत्थे चढ़ चुका था, मगर उसे राज्य पुलिस ने बड़ी चतुराई से इस्तेमाल किया और नक्सलियों की लंका में आग लगाने में उसका भरपूर लाभ उठाया. और एक एक कर नक्सलियों के सारे राज उगलवाकर उसे सलाखों के पीछे भेज दिया. मगर जिले के पुलिस कप्तान को इसका सेहरा बांधने का अवसर नहीं दिया.
महाराज प्रामाणिक की तस्वीर
हाल के दिनों में जिला पुलिस ने फिर से नक्सलियों को आर्थिक चोट पहुंचाने का काम शुरू किया है. जहां पिछले दिनों कुचाई में बड़ी मात्रा में हो रहे अफीम की खेती को नष्ट कर उनकी कमर तोड़ डाली,
वहीं ताजा मामला सोमवार को प्रकाश में आया जहां पहली बार कांड्रा थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में करीब ढाई एकड़ जमीन पर भोलेभाले किसानों को बहला फुसलाकर किए जा रहे अफीम की खेती को नष्ट किया गया. क्षेत्र के सुदूर पहाड़ों की तलहटी में बसे गांव पालोबेड़ा और जंगली खास में अफीम की खेती हो रही थी.
मामले का खुलासा तब हुआ जब सरायकेला के एसपी को इसकी गुप्त सूचना मिली . उसके बाद एसपी के निर्देश पर बीडीओ सरायकेला और कांड्रा थाना प्रभारी राजन कुमार के साथ पुलिस दल ने धावा बोला तो पाया कि लगभग ढाई एकड़ जमीन पर अफीम की फसल लहरा रही थी . इसके बाद पहले फसल को नष्ट किया गया, फिर स्थानीय लोगों से जमीन मालिकों के बारे में जानकारी जुटाई गई. जिसमें पुलिस को महेंद्र सोय एवं हाथनदा निवासी टुरु हांसदा की संलिप्तता मिली.
दोनों के विरुद्ध कांड्रा थाने में मामला दर्ज कराया गया है. थाना प्रभारी राजन कुमार ने बताया कि इस तरह की अवैध गतिविधियों पर पुलिस की कड़ी नजर रहेगी. उन्होंने लोगों से भी सहयोग करने की अपील की. छापामारी दल में कांड्रा थाना प्रभारी राजन कुमार के अलावा एएसआई उदय कुमार, आरक्षी जितेंद्र चौहान, चालक आरक्षी रविंद्र कुमार के साथ सैट- 4 के जवान शामिल थे. दरअसल कुचाई क्षेत्र में बढ़ती दबिश के बाद नक्सलियों ने कांड्रा इलाके सुदूरवर्ती क्षेत्र को नया टारगेट बनाया था, अबतक कांड्रा में इतने बड़े मात्रा में अफीम की खेती का खुलासा नहीं हुआ था. मगर कांड्रा पुलिस की रडार में मौत की खेती आ गयी और सोमवार को पुलिस ने मौत की फसल को जमींदोज कर नक्सलियों के मंसूबो पर पानी फेर दिया. बता दें कि नक्सलियों के सह पर कुछ मक्कार किस्म के तस्कर भोले- भाले ग्रामीणों के बंजर भूमि के एवज में मोटी रकम देकर अफीम की खेती कराते हैं और नक्सलियों के ही सह पर राज्य के बाहर भिजवाते है, जिसका बड़ा हिस्सा नक्सलियों के पास पहुंचता है.
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