आरआईटी: सरायकेला जिले आरआईटी थाना अंतर्गत आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया फेज 3 स्थित छरछरिया इंजीनियरिंग के शौचालय के टैंक में गिरकर घायल बोनडीह की 5 वर्षीय मासूम सुनीता मोदी ने शनिवार को अंततः दम तोड़ दिया.
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बच्ची के परिजनों ने शव का दाह संस्कार कर दिया और अपनी गरीबी को किस्मत के भरोसे छोड़ दिया. बच्ची की मां बेसुध है, उसे अपनी बेटी की मौत का गहरा सदमा लगा है. हद तो ये है कि जिस कंपनी के शौचालय की टंकी में गिरकर बच्ची की मौत हुई उस कंपनी के किसी भी अधिकारी ने सहयोग करना तो दूर सहानुभूति जताना भी जरूरी नहीं समझा.
बेबस परिजन
पुलिस ने यूडी केस दर्ज कर पल्ला झाड़ लिया. उधर कंपनी मालिक ने सभी कर्मचारियों को फोर्स लिव पर भेज प्लांट बंद कर दिया. गेट पर चौकीदार को छोड़ कोई नहीं मिला.
बंद प्लांट
इस संबंध में बच्ची के परिजनों बस इतना ही कहा एक बार भी कंपनी के अधिकारियों ने सुध लेना जरूरी नहीं समझा. कंपनी की लापरवाही के कारण उनकी बच्ची आज इस दुनिया में नहीं है. इस बावत जब कंपनी प्रबंधन का पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो गेट पर ताला लटका मिला गार्ड से मैनेजर का नम्बर मिला मगर मैनेजर ने फोन उठाना जरूरी नहीं समझा.
दरसल पूरा मामला लापरवाही का है. घटना के तीन दिन बाद भी फैक्ट्री इंस्पेक्टर घटना की जानकारी लेने नहीं पहुंचे, न ही प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया. जबकि खुले में शौचालय का टैंक साफ दिख रहा है, जिसका ढक्कन खुला है, ऐसे में लापरवाही से इंकार नहीं किया जा सकता, फिर कार्रवाई क्यों नहीं ? क्या बच्ची के परिजन गरीब हैं इसलिए, या उनका कोई गॉडफादर नहीं.
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घटना के बाद परिवार वालों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. बता दें कि शुक्रवार दोपहर खेल के क्रम में सुनीता कंपनी की बाउंड्री के बाहर बने शौचालय के टैंक में गिर गई थी. और बुरी तरह से घायल हो गई थी. मामले की जानकारी मिलते ही आरआईटी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों के सहयोग से बच्चे को मल- मूत्र से भरे टैंक से बाहर निकलवाया. गम्भीर अवस्था में परिजन बच्चे को लेकर गंगोत्री नर्सिंग होम पहुंचे. जहां से चिकित्सकों ने तत्काल टीएमएच रेफर कर दिया. वैसे बच्ची की स्थिति बेहद ही नाजुक बनी हुई थी. इधर आज बच्ची जिंदगी से जंग हार गई और टीएमएच में उसकी मौत हो गई. वैसे यह लापरवाही है, या हादसा इसका आंकलन कर पाना मुश्किल है, मगर यदि लापरवाही नहीं होती तो यह हादसा नहीं होता. आखिर कंपनी से बाहर शौचालय की टंकी बनी तो उसे सुरक्षित करना किसकी जिम्मेदारी है, ये बड़ा सवाल है. बताया गया कि बच्ची शौचालय की टंकी के समीप पर खेल रही थी, इसी बीच सुनीता उसमें गिर गयी, परिजनों को काफी देर बाद बच्चे के टैंक में गिरने की जानकारी मिली थी, जब तक रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होता तब तक मल- मूत्र से भरे शौचालय का मैला और हानिकारक गैस मासूम के शरीर के अंदर प्रवेश कर चुका था.
विभीषण मोदी (पिता)
वैसे इस हादसे के लिए जिम्मेदारी किसकी तय होती है, इसका हमें अबतक इंतजार है, क्योंकि घटना के पूरे 48 घण्टे बीत चुके हैं. और इस मामले में किसी तरह की न तो कोई कार्रवाई हुई है, न ही बच्ची के परिजनों को मुवावजे की पहल हुई है. हालांकि आरआईटी थाना प्रभारी मोहम्मद तंज़ील ने जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही है.
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