राजनगर: केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा सदन में 10 जनजातीय समुदायों को एसटी में शामिल किए जाने के प्रस्ताव के बाद से झारखंड का कुड़मी समुदाय आंदोलन की राह पर है. हर जगह केंद्रीय मंत्री का विरोध शुरू हो चुका है.
साथ ही सीएम हेमंत सोरेन का भी विरोध जारी है. गुरुवार को सरायकेला- खरसावां जिला के राजनगर प्रखंड अंतर्गत भीम खांदा में झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के बैनर तले भाषा संस्कृति को बचाने और अपने हक अधिकार लेने के लिए कुड़मी समाज की विशेष बैठक कुलदेव महतो के नेतृत्व में बुलाई गई. वहीं बैठक की अध्यक्षता दिलीप महतो ने की. इस बैठक में कुड़मी समाज के अध्यक्ष भुवनेश्वर महतो भी मौजूद रहे. बैठक में नियोजन नीति, भाषा आंदोलन, स्थानीय नीति आदि मुद्दों पर चर्चा हुई, और भाषा के विरोध में झारखंडी भाषा संघर्ष समिति ने अगला महजुटान आगामी 13 फरवरी को राजनगर ब्लॉक मैदान में करने का निर्णय लिया.
वहीं झारखंड सरकार द्वारा मगही, भोजपुरी, अंगिका को क्षेत्रीय भाषा में शामिल करने के विरोध में झारखंडी भाषा संघर्ष समिति ने कुनाबेड़ा, निर्मल महतो चौक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया. इस दौरान झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के नेतृत्वकर्ता कुलदेव महतो ने कहा अब कुड़मी जाति अपनी भाषा की लड़ाई लड़ने के लिए सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी, और अपना हक अधिकार ले कर रहेगी.
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कुड़मी समाज के महाजुटान में समाज के बुद्धिजीवियों के साथ युवाओं ने बढ़- चढ़कर हिस्सा लिया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति लोगो मे काफी आक्रोश देखा गया.
कुलदेव महतो
कार्यक्रम में मुख्य रूप से भुवनेश्वर महतो, दिलीप महतो, सहदेव महतो, डॉ प्रदीप महतो, शंकर महतो, कुलदेव महतो, शंकर महतो सरायकेला, गंगाधर महतो ,संजीत महतो, नुनूराम महतो, प्रीतम कुमार महतो, इंद्रजीत महतो ,राजेश महतो, सपन महतो, सुखीराम महतो, सुनील महतो, नकुल महतो, जयप्रकाश महतो, शिशु महतो, नकुल चंद्र महतो, महावीर महतो, सुतिलाल महतो, दीपक महतो, जगदीश महतो, अर्जुन महतो, आदि उपस्थित थे.