सरायकेला: आदिवासी कुड़मी समाज झारखंड प्रदेश के सदस्य सह झारखंडी भाषा संघर्ष समित सरायकेला- खरसावां जिला सदस्य कुलदीप महतो ने कहा कि
झारखंड में जिस तरह के वर्तमान समय में सरकार झारखंडी जनमानस के भाषा और संस्कृति के साथ खिलवाड़ कर रही है, अभी अगर झारखंडी नहीं जागे तो नेता अपने हित के लिए झारखंड को फिर से बेचने की पूरी तैयारी में है. हेमंत सरकार भोजपुरी, मगही, अंगीका और उर्दू को क्षेत्रीय भाषा की घोषणा कर रही है, इससे लगता है कि सरकार बाहरी लोगों के हाथों बिक चुकी है. उन्होंने कहा, कि स्थानीय नीति लागू किए बिना नौकरी में होने वाली नियोजन का पुरजोर विरोध करना ही होगा, नहीं तो आने वाली पीढ़ी को हम मुंह दिखाने के लायक नहीं बचेंगे. उन्होंने कहा कि 10 फरवरी को दोपहर 2 बजे राजनगर प्रखंड के भीमखांदा में सभी झारखंडी शामिल होकर आगे की रणनीति को तय करेंगे. जिसमें झारखंडी विचारधारा रखने वाले जनमानस उपस्थित होकर अपने झारखंडी एकता का परिचय दें. झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा हो या फिर भारतीय जनता पार्टी, दोनों ही राजनीतिक दलों ने अपने निजी हित के लिए हमेशा से झारखंडियोंं के विचारधारा के साथ खिलवाड़ किया है. इस बैठक में किसी भी राजनीतिक दल का झंडा उपयोग में नहीं होगा. इस बैठक में कैसे हम अपनी भाषा, संस्कृति एवं सभ्यता को बचाएं और इस आंदोलन को किस तरह से झारखंड में एक विशाल रूप दिया जाए, इस पर मंथन किया जाएगा.
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