आदित्यपुर: सरायकेला जिले के गम्हरिया अंचल कार्यालय की महानता जान आप हैरान हो जाएंगे. वैसे तो पूरे राज्य में सरकारी जमीनों का दोहन जारी है. शायद ही ऐसा कोई प्रखंड होगा जहां सरकारी जमीनों का दोहन नहीं हो रहा है.
गम्हरिया प्रखंड भी इससे अछूता नहीं है. गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत नगर निगम के वार्ड 20 में आदित्यपुर थाना रोड, दिन्दली बाजार, महावीर मंदिर रोड, अस्पताल रोड नगर निगम कार्यालय जाने के रास्ते में जहां चले जाइये वहीं सड़को का और सरकारी जमीनों का अतिक्रमण कर लोग आशियाना और व्यवसायिक प्रतिष्ठान खोलकर जीविका चला रहे हैं. मगर इसके लिए इन्हें नजराना देना होता है, अगर नजराना नहीं मिला तो ये हाल होगा देखें
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ये जो तस्वीर आप देख रहे हैं ये आयडा के पीछे वार्ड 20 में सरकारी जमीन पर झुग्गी झोपड़ी बनाकर किसी ने रोजगार करने के लिए बांस- बल्ली गाड़ छोड़ रखा था. जाहिर है कोई बेरोजगार रोजी- रोटी की जुगत में ऐसा कर रहा होगा. अब भला बगैर नजराने के किसकी हिम्मत कि वो ऐसी गुस्ताखी कर ले. वही हुआ अंचल कार्यालय कर्मी अपने कुछ गुंडों के साथ आ धमके और कार से ठोकर मार- मारकर पूरा अतिक्रमण ध्वस्त कर दिया, न कोई सरकारी चिट्ठी, न आदेश. पूछने पर सीआई मनोज कुमार ने क्या कहा सुनिए.
मनोज कुमार (सीआई- गम्हरिया)
बात यहीं खत्म नहीं हो जाती है. आपको बता दें कि इस पूरे सड़क को मछुआरों ने कब्जा कर रखा है. इस ओर अंचल कर्मियों की नजर क्यों नहीं पड़ी ये यक्ष प्रश्न है देखिये
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दरअसल कुछ माफिया सरकारी जमीन को जागीर समझ उसकी खरीद- फरोख्त कर रहे हैं, और उसका नजराना नीचे से ऊपर तक पहुंचता है. अगर ऐसा नहीं तो फिर पूरे बाजार का मासुल और चुंगी अवैध तरीके से किसके इशारे पर उठ रहा है, इसकी जांच होनी चाहिए. एक दुकान को क्यों उजाड़ा गया ! इसकी भी जांच होनी चाहिए. आवास बोर्ड से लेकर वन भूमि का अतिक्रमण किसके इशारे पर हो रहा है. आदित्यपुर के दो दर्जन से भी अधिक बस्तियों में सरकारी जमीन का धड़ल्ले से बंदरबांट चल रहा है आखिर अंचल कार्यालय का उस ओर ध्यान क्यों नहीं जाता.
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आकाशवाणी चौक से लेकर एस टाइप, आशियाना, गम्हरिया बाजार कहां- कहां गिनायी जाए जिधर देखिये जमीन माफिया सरकारी जमीन को बेच रहे हैं और लाखों के वारे- न्यारे कर रहे हैं. आवास बोर्ड की सारी जमीन लुट चुकी है क्या कभी किसी पर कार्रवाई हुई ? मिरुडीह में करोड़ों की वन भूमि कौड़ियों के भाव में जमीन माफियाओं ने बेच डाले. बास्को नगर, शर्मा बस्ती, विद्युत नगर, बेल्डीह बस्ती, शंकर पुर, साईं कॉलोनी, सतबोहनी, सांपडा, कुलुपटांगा, रायडीह बस्ती यहां तक कि अंचल कार्यालय के ठीक नाक के नीचे से करोड़ों की सरकारी जमीन लुट चुकी है और अंचलकर्मियों को इसकी परवाह तक नहीं. फिर एक अदना सा जमीन पर अगर कोई रोजगार करने के खूंटा गाड़ दिया तो अंचलकर्मियों को पेट में दर्द क्यों हो गया इसकी भी जांच होनी चाहिए.