सरायकेला: पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा शनिवार को सरायकेला जिला के चाण्डिल अनुमंण्डल अर्न्तगत प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत कियान्वित की जा रही विभिन्न गतिविधियों तथा राज्य की अन्यान्य मात्स्यिकी संबंधी गतिविधियों का स्थल भ्रमण किया गया.
जिला भ्रमण के कम में सर्वप्रथम श्री स्वेन एंव श्री अबु बक्कर सिद्दीकी पी. सचिव कृषि पशुपालन एंव सहकारिता विभाग, झारखण्ड सरकार का स्वागत जिले के उपायुक्त अरवा राजकमल द्वारा किया गया. इस अवसार पर स्थानीय केज मत्स्य पालकों एंव आरएफएफ मत्स्य पालकों के महिला एव पुरुष समूह द्वारा संथाली पांरपरिक रीति- रिवाज से स्वागत करने के उपारंत चांण्डिल जलाशय में हो रहे विभिन्न प्रकार के मछली पालन गतिविधियों का निरिक्षण किया. चाण्डिल जलाशय में बृहत पैमाने पर मछली पालन हेतु किये जा रहे केज कल्चर एंव पेन कल्चर (RF F) को देखा गया.
विस्थापितों के आर्थिक एंव सामाजिक उत्थान हेतु चलाये जा रहे इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए सचिव, भारत सरकार द्वारा इसे राज्य के अन्य उपयुक्त जलाशयों में भी क्रियान्वित किये जाने की बात कही गई. इस मौके पर राज्य के मत्स्य निदेशक डॉ एचएन द्विवेदी संयुक्त मत्स्य निदेशक मनोज कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी प्रदीप कुमार तथा चाण्डिल बॉध विस्थापित मत्स्य जीवी स्वालम्बी सस लि. के सचिव एंव अध्यक्ष नारायण गोप एंव श्री श्यामल मार्डी भी उपस्थित थे.
चाण्डिल जलाशय के समीप स्थित फिश फीड मिल का भी इनके द्वारा निरीक्षण किया गया. जिससे स्थानीय स्तर पर ही मत्स्य कृषकों को मछलियों का पूरक आहार प्राप्त हो रहा है और फीड बेस्ड फिशरीज को बल मिल रहा है.