झारखंड सरकार की दोहरी नीति के खिलाफ झारखंड गैर सरकारी विद्यालय संघ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया. जमशेदपुर के साकची गोल चक्कर पर संघ की ओर से सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश जताते हुए पुतला दहन कर विरोध जताया. प्रदर्शन कर रहे संघ के सदस्यों ने सरकार और आपदा प्रबंधन मंत्री को चेतावनी देते हुए कहा कि 1 हफ्ते के भीतर अगर 17 जिलों के भांति अन्य सभी सातों जिलों में भी सभी विद्यालयों को नर्सरी से 12 तक खोलने की अनुमति नहीं देती है, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. साथ ही कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि अन्य 7 जिलों के भी सभी विद्यालयों के सभी कक्षाएं खोल नहीं दी जाती, इस अवसर पर झारखंड गैर सरकारी विद्यालय संघ के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद ताहिर हुसैन ने कहा कि सरकार की नीति एवं निर्णय बड़ा ही हास्यपद है, क्योंकि उन्हीं बच्चों को कोचिंग संस्थान में पढ़ने जाने की अनुमति दी गई है, खेलने जाने की अनुमति दी गई है, पार्क में जाने की अनुमति दी गई है, शादी पार्टियों में जाने की अनुमति दी गई है, बाजारों में जाने की अनुमति दी गई है, लेकिन वही बच्चे यदि स्कूल आएंगे तो उन्हें कोरोना हो जाएगा, यह किस प्रकार की सोच है, इस प्रकार की सरकार की घटिया विचारों, नीतियों और निर्णयों का झारखंड गैर सरकारी विद्यालय संघ पूर्ण रूप से विरोध करता है, जबकि विश्व बैंक ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि छोटे बच्चों को कोरोना का कोई खतरा नहीं है. फिर भी सरकार का यह निर्णय सोच से परे है. इस अवसर पर झारखंड गैर सरकारी विद्यालय संघ के प्रदेश महासचिव शिव प्रकाश शर्मा ने कहा कि मधुशाला खुला रहेगा और पाठशाला बंद रहेगा, यह कैसा निर्णय है. यह सरकार का कैसा आदेश है, सरकार के इस निर्णयों का झारखंड गैर सरकारी विद्यालय संघ घोर निंदा करता है. इसलिए सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द राज्य के सभी विद्यालयों के सभी कक्षाओं को खोलने की अनुमति दे.
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