सरायकेला: सरायकेला स्थित मौसी बड़ी में हेमंत सोरेन सरकार के विरोध में शनिवार को कैंडल मार्च का कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें मुख्य एजेंडा था कि भोजपुरी और मगही भाषा को अविलंब हेमंत सरकार वापस ले और 1932 के खतियान को आधार मानते हुए स्थानीय नीति को लागू करें.
जिसमें मुख्य रुप में गुरुपद महतो, मनोहर महतो, गोराचांद महतो, संतोष महतो, मुकेश मुंडिया, नीलांचल हसदा, प्रदीप महतो, राजाराम महतो, रूद्र प्रताप महतो, वन बिहारी महतो, नेपाल चंद्र महतो, अमृत महतो, करणी महतो, विनय कुमार महतो, गौरचंद्र महतो, अभिषेक महतो, सत्य प्रकाश महतो, देवाशीष, राजकिशोर महतो, ऋषिकेश सरदार, हरेकृष्णा महतो, अजय महतो, दीपक महतो, सुधीर महतो, प्रदुमन महतो समेत काफी संख्या में सभी स्थानीय एवं झारखंडी लोग उपस्थित थे. और सरकार को जल्द से जल्द भाषा को हटाते हुए एवं स्थानीय को स्थानीय नीति लागू करने की मांग की गई, एवं इस विषय पर काफी विरोध जताते हुए सभी लोग हेमंत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
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