सरायकेला: दलमा वन्य आश्रयणी में घोषित ईको सेंसेटिव जोन में किए जा रहे अतिक्रमण को लेकर वन विभाग के अधिकारियों ने चांडिल वन प्रक्षेत्र स्थित इको सेंसेटिव जोन में वन भूमि व गैर वन भूमि में किए गए निर्माण कार्य और पूर्व से निर्मित कार्यों की सूची प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को उपलब्ध कराई थी. जिसके बाद झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जमशेदपुर के क्षेत्रीय पदाधिकारी ने सभी अतिक्रमणकारियों व अवैध निर्माण को लेकर संबंधित को नोटिस जारी किया है. बोर्ड द्वारा नोटिस जारी कर एक सप्ताह के अंदर जबाब मांगा गया है. इसके बाद जबाब नही देने या जबाब संतोषजनक नही होने पर जगल अधिनियम का उल्लंघन को लेकर बोर्ड द्वारा सेक्शन 41 के तहत कारवाई की जाएगी.
बोर्ड द्वारा इन अवैध निर्माण व अतिक्रमणकारियो को जारी की गयी है नोटिस
आसनबनी मौजा में अमृत पाल सिंह होटल, दलामंचल होटल, तारापद पाल होटल, वारिद पाल होटल, गोल्डन लिफ होटल, बंगाली होटल, टाटा हाइवे होटल, भूतनाथ होटल, रंजन सिंह का काला ईट भट्ठा, जेके टायर सुपर सोनिक लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड, पंजाब होटल, द वेव इंटरनेशनल होटल, एमबीएनएस इंस्टीट्यूट, हिल व्यू होटल एंड रिसोर्ट, अशोक लीलैंड सर्विस सेंटर, बोन फैक्ट्री, दिग्विजय होटल, जगजीत होटल, मंजीत होटल, वन भूमि में खटाल, हुमिद में मनोज हौटल, जरियाडीह में सिद्वि विनायक होटल, लक्ष्मी होटल, जगदीश प्रमाणिक होटल, करनीडीह में रमेश होटल, चिलगू में मां शेरावाली होटल और पाटा में सुमन होटल.
रामगढ़: गैर वन भूमि में एस दयाल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, भोला सिंह का क्रसर व दीपक इंटरप्राइजेज
कांदरबेड़ा: गैर वन भूमि में सिल्वर सैंड रिजॉर्ट व वरुण दे का क्रसर.
शहरबेड़ा: सुधा होटल, शीतल छाया होटल, गैर वन भूमि में क्रसर, उदय शंकर सिंह, पप्पू सिंह व राजकुमार विश्वास का ईट भट्ठा.
चिलगू: गैर वन भूमि में विजय सिंह, उदय सिह, उत्तम माल, सनातन महतो व संजय गोराई का अलग- अलग क्रसर.
करणडीह: टोला भुइयांडीह गैर वन भूमि पर गैलेक्सी कंपनी लिमिटेड, आरईपीएल प्राइवेट इंडस्ट्री, फरीद खान, ओम लायेक, घासीराम लायेक, राजू मंडल, कृपाकर महतो, आनंद घोष, गुरचरण प्रामाणिक, जुलू मंडल, दुर्योधन गोप व शंभू कुमार का अलग-अलग क्रसर.
पुडिसिल्ली: गैर वन भूमि पर पालू बाबू का लक्ष्मी का ईट भट्ठा व कैलाश सिंह का केएसएस ईंट भट्ठा.
डोबो: गैर वन भूमि पर पप्पू सिंह का वीआइपी ईंट भट्ठा व रिवईेरा कंस्ट्रक्शन हाउसिग एंड अपार्टमेंट.
भादूडीह: गैर वन भूमि पर पंकज मंडल, धीरेन महतो, पटल मंडल, हरेलाल महतो, गणेश गोराई का क्रसर व दयाल महतो का क्रसर के साथ स्टोन खनन.
बड़ालाखा: अरुण टूडू का क्रसर व गिरीधारी होटल
मानीकुई: गैर वन भूमि पर ओम मेटल इंडस्ट्रीज, क्रिस्टल थर्मोटिक प्राइवेट लिमिटेड व हरेलाल महतो का ईट भट्ठा.
रुदिया चांडिल: गैर वन भूमि पर प्रभात कुमार, संजय गोराई, अशोक कुमार, राजू, मंगल टुडू, प्रभात ठाकुर, दीपक कुमार व एक अन्य का अलग-अलग ईंट भट्ठा.
कटिया: गैर वन भूमि पर हरेलाल महतो, कालाराम व एक अन्य का ईट भट्ठा और तीन क्रसर.
शहरबेड़ा: गैर वन भूमि पर डालूराम महतो, उज्जवल महतो व विशाल कुंडू का ईट भट्ठा व वन भूमि पर महतो होटल.
घोड़ालोंग: प्रदीप जायसवाल, अंगद, दिलीप पाल, मिश्रा, मनोज राय, पदो महतो, धर्मू महतो, मिट्ठू महतो, जगन्नाथ महतो, दिनेश महतो, लाल प्रकाश महतो, राकेश महतो, बावला महतो, बुधराम, गोलक माझी, वीरेन महतो, लेढु महतो, कुंभ महतो व एक अन्य का ईंट भट्ठा व चांडिल इंडस्ट्रीज लिमिटेड.
गांगुडीह : शंभू पसारी का पंसारी स्टील कंपनी
दलमा इको सेंसेटिव जोन में नियमों की अनदेखी और वन भूमि के अतिक्रमण से वन्य जीवों पर खतरा मंडरा रहा है. दलमा वन्य प्राणी अभयारण्य समेत वन क्षेत्र में इको सेंसेटिव जोन से जुड़े नियमों से छेड़छाड़ किए जाने से वन्यजीव पर प्रतिकूल असर पड़ता है. अभयारण्य के जंगली हाथी समेत अन्य वन्य जीव जो अपने आश्रय और भोजन की तलाश में वन क्षेत्र में आसानी से विचरण करते हैं, सबसे ज्यादा खतरा और नुकसान उन्हें ही उठाना पड़ता है.