सरायकेला: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सभी प्रकार के शिक्षण संस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट 15 जनवरी तक बंद कर दिए गए हैं. इससे सभी प्रकार के सरकारी एवं निजी विद्यालयों में पठन- पाठन पूरी तरह बंद कर दिया गया है. अब बच्चे घर बैठे ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे.
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इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग ने 15 जनवरी तक सभी प्रकार के सरकारी कार्यालयों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर रोक लगा दी है. इसके बावजूद सरायकेला जिले के प्रायः सभी सरकारी विद्यालयों के शिक्षक बुधवार तक बायोमैट्रिक अटेंडेंस ही बना रहे हैं. पूछे जाने पर शिक्षकों ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 3 जनवरी को आयोजित राज्य आपदा प्रबंधन की बैठक के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, किंतु इसके उपरांत मुख्य सचिव स्तर से जो पत्र जारी हुआ उसमें बायोमेट्रिक अटेंडेंस संबंधी कोई उल्लेख अंकित नहीं है. इसके कारण जिला स्तर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा भी जो मार्गदर्शन प्रदान किए गए हैं, उनमें भी कहीं भी बायोमैट्रिक अटेंडेंस बनाने अथवा नहीं बनाने का कोई जिक्र नहीं होने से स्थिति सस्पेंस वाली बनी हुई है.वैसे पूर्व में विभागीय स्तर पर निर्देश दिया गया था, कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस नहीं होने पर शिक्षकों का वेतन स्थगित कर दिया जाएगा. इस भय से जब तक बायोमैट्रिक अटेंडेंस पर रोक लगाने संबंधी विभागीय आदेश नहीं निर्गत हो जाता, तबतक शिक्षक जोखिम उठाना नहीं चाहते. हालांकि बायोमैट्रिक अटेंडेंस बनाने पर होने वाले जोखिम से शिक्षक अनजान नहीं है, बल्कि इससे होने वाले संभावित संक्रमण का भी भय उन्हें बुरी तरह सता रहा है. किंतु इस संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं होने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है. जानकारों के मुताबिक विगत 3 जनवरी को राज्य आपदा प्रबंधन की बैठक के बाद जारी मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के ट्वीट में भी बायोमैट्रिक अटेंडेंस पर रोक लगाने संबंधी निर्णय की जानकारी दी गई है, लेकिन जब बात विभागीय आदेश निकालने की आई तो मामले पर सस्पेंस का पर्दा डाल दिया गया. दूसरी तरफ मंगलवार को शाम 8 बजते ही सरायकेला के सभी प्रमुख बाजार तथा आसपास के सभी क्षेत्रों में दुकानों के शटर गिर गए और बाजारों में सन्नाटा पसर गया. लंबे अरसे से मास्क को भूल चुके लोग एक बार फिर मास्क लगाए बाजारों में नजर आने लगे हैं. हालांकि बाजारों में भीड़- भाड़ की स्थिति जस की तस बनी रही. जहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को नजरअंदाज करते देखा गया.
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