सरायकेला: जमशेदपुर के प्रगतिशील किसान विशेश्वर राव सरायकेला में एक एकड़ भूमि पर स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. इसके लिए उन्होने सरायकेला में 20 बीघा जमीन लीज पर लेकर खेती शुरु की है. जहां डीप इरिगेशन सिस्टम के माध्यम से खेती करना शुरू किया है. उन्होंने बताया कि स्ट्रॉबेरी की खेती करने का प्लान उनके दिमाग में उस समय आया जब वे रांची में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के फार्म हाउस गए. धौनी के फार्म हाउस में ही बिरसा कृषि विश्व विद्यालय के वैज्ञानिक कृषि वैज्ञानिक डॉ. रोशन कुमार स्ट्रॉबेरी की खेती करवा रहे थे. उसी समय उनके मन में आया कि मैं भी स्ट्रॉबेरी की खेती करूंगा, जो इस क्षेत्र के लिए नया होगा. इसके बाद उन्होंने कृषि वैज्ञानिक रोशन कुमार से बातचीत की. उन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती करने में सहयोग करने की बात कही. इसके बाद उन्होंने सरायकेला में 8 एकड़ जमीन ली और आनन- फानन में महाराष्ट्र के महाबालेश्वर चले गए, जहां से 10 हजार स्ट्रॉबेरी के पौधे लेकर आए. 28 अक्टूबर को उन्होंने अपने खेत में 10 हजार पौधे लगा दिए. अब सभी पौधे से स्ट्रॉबेरी का फल निकलना शुरू हो गया है
जमशेदपुर व रांची के बाजारों में भेजेंगे स्ट्रॉबेरी
विशश्वर राव ने बताया, कि आज उनके खेत में लगे स्ट्रॉबेरी के पौधों में फल आना शुरू हो गया है. अब पौधे से फल निकलना शुरू हो गया है. 10 जनवरी तक बड़े पैमाने पर स्ट्रॉबेरी निकलना शुरू हो जाएगा. इसके लिए उन्होंने जमशेदपुर और रांची के बाजारों में स्ट्रॉबेरी की बिक्री करने की योजना बनायी है. इसके लिए वे जिला कृषि पदाधिकारी विजय कुजूर का भी सहयोग ले रहे है. उन्होंने बताया, कि आगे चलकर बड़े पैमाने पर तरबूज व पपीता की खेती करने की योजना भी बना रहे हैं.
ढाई लाख खर्च कर कमा सकेंगे 10 लाख रुपये
किसान विशेश्वर राव ने बताया स्ट्रॉबेरी की खेती में उन्हें ढ्राई लाख रुपये खर्च आया. उन्होंने बताया कि एक पौधा 500 ग्राम से एक किलो तक का फल दे देगा. यदि औसत पकड़ लिया जाए कि एक पौधा से 500 ग्राम ही स्ट्रॉबेरी निकलेगा, तो 10 हजार पौधे से 5 टन स्ट्रॉबेरी तीन माह में निकलेंगे. यदि बाजार में 300 रुपये किलो भी स्ट्रॉबेरी बिक्री होती है, तो 15 लाख रुपये होगी. यदि इसमें से ढाई लाख रुपये निकाल भी दिया जाए तो खर्च निकाल कर 10 लाख रुपये की बचत होने की संभावना है.