दुमका: राज्य में मानव तस्करी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी मानव तस्कर सक्रिय हैं. वैसे मामला तब और गंभीर हो जाता है, जब मामले की जानकारी होने के बाद भी पुलिस प्रशासन गंभीरता से नहीं लेती है.
ताजा मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह जिला के शिकारीपाड़ा प्रखंड का है. जहां सरसडंगाल पंचायत के पोखरिया और मकड़ापहाड़ी की दो युवतियों चांद मुनि हंसदा और मीरू टुडू के परिजनों ने जिला प्रशासन से लेकर तमाम प्रशासनिक पदाधिकारियों से दोनों के सकुशल बरामदगी की मांग को लेकर फरियाद लगाई लेकिन अब तक दोनों की बरामदगी तो दूर किसी थाने में एफ आई आर तक दर्ज नहीं हुआ है इसकी जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता हबील मुर्मू ने दी उन्होंने बताया कि 3 साल पूर्व साल 2018 में पश्चिम बंगाल के नलहटी की रहने वाली आरती हंस गाने दोनों युवतियों को रोजगार दिलाने के नाम पर अपने साथ दिल्ली ले गई थी कुछ दिन तक तो दोनों युवतियों के परिजनों से उनकी बातचीत कराई लेकिन अब युवतियों के परिजनों से बातचीत करना बंद कर दिया है यहां तक की आरती हां सदा ने भी परिजनों का फोन उठाना बंद कर दिया है उन्होंने बताया कि परिजन हर संभावित पदाधिकारियों के पास गुहार लगा चुके हैं लेकिन दोनों युवतियों की अब तक बरामदगी नहीं हुई है यहां तक कि किसी थाने में एफ आई आर भी दर्ज नहीं किया गया है उन्होंने शिकारीपाड़ा थाना पुलिस एवं जिले के एसपी से पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है.
इस मौके पर युवतियों के परिजन दीदीमुनि मरांडी, दुलाड़ हांसदा, मुंशी मरांडी, शिवलाल किस्कू, भावेश मुर्मू, मैसूर सुल्तान, सुनील डे, दुलाल राणा, दिलीप मुर्मू सहित अन्य मौजूद रहे.