झारखंड आंदोलन के अग्रणी नायकों में शुमार अमर शहीद स्वर्गीय निर्मल महतो की आज 71 वीं जयंती के मौके पर राज्य भर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है. 25 दिसंबर 1950 को जमशेदपुर के कदमा उलियान में जन्मे शहीद निर्मल महतो कि महज 36 साल की आयु में 8 अगस्त 1987 को हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद अलग झारखंड राज्य आंदोलन निर्णायक मोड़ पर पहुंचा और अंततः 15 नवंबर 2000 को झारखंड अलग राज्य का सपना साकार हुआ.
जमशेदपुर के चमरिया गेस्ट हाउस से लेकर उलियान समाधि स्थल तक शहीद निर्मल महतो को श्रद्धांजलि देने का तांता लगा रहा. इधर सरायकेला- खरसावां जिला के राजनगर प्रखंड अंतर्गत कुनाबेड़ा चौक पर स्थित शहीद निर्मल महतो की प्रतिमा पर झामुमो नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके सपनों का झारखंड बनाने का संकल्प लिया गया. एवं उनकी जयंती के मौके पर एक दूसरे को मिठाइयां बांटकर खुशियां बांटी गई. मौके पर मौजूद झारखंड मुक्ति मोर्चा बुद्धिजीवी मंच के जिला अध्यक्ष छाया कांत गोराई ने निर्मल दा को झारखंड निर्माण का सबसे अग्रणी नायक बताया और कहा जिस उम्र में युवा जीवन का अनुभव सीखते हैं, उस उम्र में निर्मल दा ने अपनी शहादत देकर अलग झारखंड राज्य का सपना साकार किया. आज जरूरत झारखंड के नौजवानों को निर्मल दा के सपनों को साकार करने का है, ताकि झारखंड खुशहाली के मार्ग पर अग्रसर हो सके. इस दौरान झामुमो केंद्रीय सदस्य गोपाल महतो, सुबोल चंद्र महतो, किसान मोर्चा जिला कोषाध्यक्ष साधु सोरेन, गेंगे रुली पंचायत समिति सदस्य दिलीप कुमार महतो, रविकांत मुर्मू, जोगेश्वर महतो, सुखलाल सोरेन, आस्तिक महतो, ग्राम प्रधान सुनील महतो, गणेश प्रधान, जयकान पंचायत समिति सदस्य रवि महतो एवं कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.