जमशेदपुर: भले पिछले नौ सालों से सहारा समूह सेबी के खिलाफ वर्चस्व की लड़ाई में उलझकर बड़ा नुकसान उठाया है, मगर अपने निवेशकों से किए गए हर शर्तों पर समूह खरा उतर रही है. चाहे विलंब अवधि का ब्याज हो या तय करार के तहत निवेशको के निवेश के सापेक्ष बीमा राशि का भुगतान. वैश्विक त्रासदी के दोनों लहर के बाद उपजे हालात और सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की आस लगाए बैठे सहारा समूह के करोड़ों निवेशकों और लाखों एजेंटों को घोर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इन सबके बीच जमशेदपुर रीजन के अधीन सहारा इंडिया के बारीडीह फ्रेंचाइजी से अच्छी खबर सामने आई है. जहां चाईबासा निवासी स्व. गंगा देवी के उत्तराधिकारी सदानंद ठाकुर (पति) को 30 लाख बीमा राशि के चार किश्त 20- 20 हजार रुपए का चेक प्रदान किया गया. जो उन्हें अगले डेढ़ सौ महीने तक दिया जाएगा. स्व. गंगा देवी ने उक्त योजना में एक लाख रुपए का निवेश किया था. निवेश के तीन साल पश्चात उनकी मौत हो गई थी. जिसकी सूचना स्वर्गीय गंगा देवी के एजेंट गीता कुमारी ने शाखा में लिखित रूप से दी. उसके बाद स्व गंगा देवी के घोषित उत्तराधिकारी शदानंद ठाकुर (पति) ने शाखा पर आकर सभी कागजी कारवाई पूर्ण की. मुख्यालय से स्वीकृति मिलते ही मंगलवार को उन्हें बीमित राशि की चार किश्तें एकसाथ ससम्मान सौंपा गया. इस दौरान सहारा इंडिया जमशेदपुर रीजन के रीजनल प्रमुख जयंत कुमार श्रीवास्तव, फ्रैंचाइज़ी मैनेजर रंजीत कुमार, आशीष सामंता, परशुराम पोद्दार, मनोज सिंह, ऋषि पाण्डेय समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे. बीमित राशि ग्रहण करने के बाद स्व. गंगा देवी के उत्तराधिकारी (पति) सदानंद ठाकुर के आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े. उन्होंने कहा जिस भरोसे के साथ सहारा में उनकी पत्नी ने निवेश किया था, आज उसका प्रतिफल मिल रहा है. ऐसे बुरे वक्त में सहारा का सहारा मिला ये बड़ी बात है. उन्होंने सहारा के प्रति कृतज्ञता प्रकट की वही मौके पर मौजूद सहारा इंडिया के रीजनल मैनेजर जयंत कुमार श्रीवास्तव ने बताया, कि भले वर्तमान समय में संस्था विपरीत परिस्थितियों के दौर से गुजर रही हैं, लेकिन सम्मानित निवेश कर्ताओं का भरोसा आज भी संस्था पर कायम है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से निवेशकों का सम्मान करते हुए उनके हर सुख दुःख में सहयोगी की भूमिका निभाने की अपील की. उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि जल्द ही संस्था विषम परिस्थितियों से बाहर निकलेगी और इंसाफ की जीत होगी. उन्होंने बताया कि संस्था के शीर्ष प्रबंधक दिन- रात कंपनी को संकट से उबारने में लगे हैं. मामला न्यायपालिका से जुड़ा है, इसलिए इस पर ज्यादा टिप्पणी करना सही नहीं होगा. हम विगत 44 सालों से निवेशकों के हितों की रक्षा करते आ रहे हैं, भविष्य में भी निवेशकों के हितों की रक्षा की जाएगी.
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