दुमका: भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष निवास मंडल पर शहर के बीचोबीच स्थित मां काली मंदिर परिसर के फर्श पर मार्बल लगाने के नाम पर एक लाख रुपए गबन का आरोप लगा है.
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दरअसल इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब मंदिर में लगे मार्बल का लोकार्पण करने पिछले दिनों संथाल दौरे पर पहुंचे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पहुंचे थे. जहां मामले की जानकारी मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने बंद कमरे में जिलाध्यक्ष की जमकर क्लास लगयी. हालांकि इसका निवास मंडल पर कोई असर नहीं देखा गया. बता दें कि दुमका विधानसभा उपचुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास मंदिर पूजा करने गए थे. इस दौरान मंदिर के फर्श की खस्ता हाल देखते हुए उन्होंने जीर्णोद्धार की पहल की थी. इसपर तत्परता दिखाते हुए उन्होंने पूर्व जिला अध्यक्ष को मंदिर कमेटी से फर्श पर मार्बल लगाने के खर्च का ब्यौरा मांगाने का निर्देश दिया था. मंदिर कमेटी ने परिसर में लगने वाले मार्बल के खर्च ब्यौरा 4.65 लाख रुपए बताया था. जिस पर पूर्व सीएम ने तत्कालीन जिला अध्यक्ष निवास मंडल को 5 लाख रुपए उपलब्ध कराई गयी. वैसे फर्श पर मार्बल लगाने का कार्य पूर्ण भी हुआ. मंदिर कमेटी के आग्रह पर संताल परगना के तीन दिवसीय दौरे पर आए पूर्व सीएम रघुवर दास द्वारा लोकार्पण भी किया, लोकार्पण के समय खर्च के ब्यौरे की बात सामने आई, तो कमेटी ने निवास मंडल द्वारा 4 लाख रुपये ही देने की बात कही गयी, जिससे यह साफ प्रतीत होता है कि एक लाख रुपए तत्कालीन जिला अध्यक्ष निवास मंडल द्वारा गटक लिया गया. मामले को लेकर कमेटी द्वारा एक बड़ा प्रश्रचिन्ह तत्कालीन भाजपा जिला अध्यक्ष पर खड़ा किया गया है. सूत्र बताते है कि पैसे के लेनदेन के बारे में पूर्व सीएम रघुवर दास के समक्ष मंदिर कमेटी ने स्पष्ट किया तो श्री दास ने बंद कमरे में निवास मंडल को जोरदार फटकार लगायी. इतने बड़े मामले में फटकार के बाद भी निवास मंडल के चेहरे पर शर्मिंदगी की एक शिकन तक नही नजर आयी. बाद में पार्टी की बदनामी के कारण मामले को लेकर रघुवर दास द्वारा 4 लाख रुपये ही देने की बात कही गई, लेकिन मंदिर कमेटी में दान की राशि से एक लाख की रकम में हेरा- फेरी को लेकर उपापोह की स्थिति भी सामने देखी गई. हालांकि निवास मंडल पूरे मामले में कुछ भी बोलने से बचते नजर आये. वहीं मंदिर कमेटी की ओर से बताया गया कि मैया सब देख रही है, वही इंसाफ और विचार करेगी. हालांकि पार्टी के अंदरखाने में भी इसको लेकर उठापटक शुरू हो चुका है.
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