देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. इधर झारखंड सरकार पंचायत- पंचायत शिविर लगाकर लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने का दंभ भर रही है. मगर आज हम आपको एक जमीनी हकीकत से रूबरू करा रहे हैं, फिर आप तय कीजिये कैसी आजादी और कैसा अमृत महोत्सव.
एक रिपोर्ट
झारखंड बने 21 साल बीत चुके हैं. इन 21 सालों में झारखंड कितना बदला ये देखने के लिए हम आपको लिए चलते हैं जमशेदपुर जिला मुख्यालय से 65 किलो मीटर दूर घाटशिला अनुमंडल के मुसाबनी प्रखंड का दुर्गम और पहाड़ी गांव दुर्गाआटा. जहां गांव के ग्रामीण आजादी के 70 साल बाद भी पहाड़ी झरना के पानी पीने को मजबूर है. इस गांव तक पहुंचने के लिये सड़क नहीं होने के कारण अबतक विकास का पहिया 70 सालों से रूका पड़ा है. सरकार की योजना भी इस गांव में नही पहुंच पाती है. जिससे लोग पलायन करने को मजबूर है. अबतक इस गांव में मनरेगा से भी लोगों को रोजगार नही मिला है.
दुर्गाआटा गांव पहुंचने के लिये जंगल और पहाड़ी रास्ते से ही होकर गांव पहुंचा जा सकता है. इस गांव में प्रखंड की बीडीओ अपने प्रखंड कर्मियों के साथ पहुंची तो पहाड़ी और पथरीली रास्ते मे कई बार मोटरसाइकिल को धकेलने पड़े. गांव के ग्रामीण बताते है इसी सड़क से उन्हें गांव के बीमार लोगों को खाट पर टांगकर मुख्य सड़क तक लाना होता है. गांव की सबसे बड़ी समस्या सड़क और पानी की है. सड़क नहीं होने के कारण गांव मे चापाकल नही है, यही कारण है कि खेत मे गड्ढा खोदकर ग्रामीण पानी पीते है. इस गड्ढे को गांव के लोग चुआ, झरना का पानी कहते है. सबसे अधिक परेशानी बरसात के समय होती है. जब गंदा और मटमैला पानी पीने को ग्रामीण मजबूर होते है.
वहीं सड़क नही होने के कारण गांव मे सरकार की योजना भी नही पहुंच पायी है. दुर्गाआटा गांव मे कुल 26 घर है. जंगल और पहाड़ी होने के कारण यह इलाका वन भूमि है. 26 घरो मे से 7 परिवारों को वन पट्टा दिया गया है, चार परिवार के लिए पीएम आवास की भी स्वीकृति मिल गयी, लेकिन सड़क नही होने के कारण ईट, बालू , सीमेन्ट, सरिया गांव तक नही पहुंचा जा सकता है. जिसके कारण से पीएम आवास नही बन पाया है. अन्य परिवार की बात करे तो उनके पास वन पट्टा नही है. जिस कारण पीएम आवास नही मिल पाया है. गांव में आगनबाड़ी केन्द्र नही होने के कारण बच्चे दिनभर धूल मिट्टी में खेलते रहते है. गांव से चार किलो मीटर दूर नेत्रा मे आगनबाड़ी केन्द्र है, लेकिन दूर और जंगल रास्ता होने के कारण बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्र नही जाते है.
इधर पहली बार मुसाबनी प्रखंड की बीडीओ सीमा कुमारी प्रखंड कर्मियों संग मोटरसाइकिल पर गांव पहुंची. जहां बीडीओ ग्रामीणों की समस्या से रूबरू हुई. बीडीओ सीमा कुमारी ने खेत मे बने उस चुआ को भी देखा, जहां से गांव के ग्रामीण पानी पीते है. बीडीओ ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया, कि जल्द ही स्वच्छ जल की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाएगा. बीडीओ सीमा कुमारी ने रोजगार हेतु सभी को जॉब कार्ड उपलब्ध कराने का निर्देश ग्राम रोजगार सेवक को दी. साथ ही गांव में जिनका वन पट्टा है, उनको बकरी शेड, मुर्गी शेड, दीदी बड़ी योजना शुरू कराने का निर्देश दिया. आंगनबाड़ी केन्द्र के बारे में बताया, कि उक्त गांव के सम्बंध में उच्च अधिकारियों यहां की समस्याओं से अवगत कराया जाएगा, ताकि इस गांव को विकास के पथ पर लाया जाए. सड़क के सम्बंध में बीडीओ ने कहा कि जल्द ही विधायक और जिले के अधिकारी को इस इस समस्या से अवगत करा दिया जाएगा.
फिलहाल बीडीओ के पहुंचे से ग्रामीणों को कुछ तो आश जगी है. लेकिन देखना यह है कि आजादी के 70 साल बाद और झारखंड गठन के 21 साल बाद इस गांव में विकास की किरण कब पहुंचेगी.
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