आदित्यपुर: तीन दिवसीय श्रीनाथ विश्वविद्यालय का पांचवां अंतरराष्ट्रीय श्रीनाथ हिंदी महोत्सव पुरष्कार वितरण के साथ संपन्न हुआ. समारोह में मुख्य अतिथि के रुप मे ईचागढ़ की विधायक सविता महतो मौजूद रहीं. । उन्होंने श्रीनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुखदेव महतो की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह इनकी इच्छाशक्ति है कि इस तरह का महोत्सव हमारे क्षेत्र में सम्भव हो सका है. हिंदी के प्रति जिस तरह विश्वविद्यालय काम कर रहा है, वह कहीं और नही दिखता. प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए श्रीमती महतो ने कहा, कि आपकी लगन और मेहनत इस महोत्सव को सफल बनाने में मदद करती है. उन्होंने उपस्थित लोगो को कहा कि आप कभी भी कोई जरूरत पड़ने पर मुझे याद कर सकते है. मैं हमेशा आपके साथ हूं.
वहीं कोल्हान विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ बीएम पैनाली ने महोत्सव में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, कि श्रीनाथ विश्वविद्यालय में चल रहे हिंदी महोत्सव की जितनी प्रशंसा की जाए कम होगी. मैं आरम्भ से ही महोत्सव से जुड़ा रहा हूं, और यह मेरे लिए गर्व का विषय है. इसके साथ ही उन्होंने कुलाधिपति सुखदेव महतो के हिंदी के प्रति लगाव की सराहना की. डॉ पैनाली ने कहा इस क्षेत्र में विश्वविद्यालय जिस तरह से प्रयासरत है उसे अनदेखा नही किया जा सकता और यह अपना मार्ग यूं ही बनाता चला जायेगा. वही आरजे मनोज ने महोत्सव के सम्बंध में कहा कि यह आने वाले वर्षों में औऱ बढ़ेगा साथ ही लॉक डाउन के बाद जो सबकुछ रुक गया था, उसे इस महोत्सव ने फिर से सक्रिय किया है. आरजे अभय ने कहा, कि यह अधिक से अधिक लोगों को हिंदी से जोड़ेगा साथ ही शिक्षा तथा हिंदी को लेकर यह विश्वविद्यालय बहुत आगे जाएगा.
श्रीनाथ हिंदी महोत्सव इस बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न हुआ. इस बार इसमे वक्ता औऱ प्रतिभागी विदेश से भी ऑनलाइन जुड़े. तीसरे दिन साउथ अफ्रीका से वक्ता के रूप में मनीष कुमार सिंह ऑनलाइन जुड़े उन्होंने महोत्सव में उपस्थित सभी लोगों का अभिनंदन किया और कहा कि मैं आज साउथ अफ्रीका में रहता हूं, पर मैं जमशेदपुर से जुड़ा हुआ हूँ. और जमशेदपुर वासीयों की अपनी एक भाषा है, जो सबसे अलग, अनूठा और शाही अंदाज वाला है. उन्होंने कहा साउथ अफ्रीका में बहुत लोग हिंदी बोलते है, औऱ विशेष रूप से हिंदी फिल्में देखते है. आगे उन्होंने कहा, कि यदि कोई चीज बढ़ रही होती है उसमे रूढ़िवादिता नही होती है. हिंदी में यही खूबी है, आप मिलावटी, अशुद्ध जैसी भी हिंदी बोलिये सामने वाली को अच्छी ही लगती है, क्योंकि हिन्दी में यही खूबी है, मिठास हैं. हिन्दी की मिठास , अपनापन, प्यार हमेशा हमें साथ जोड़ता है. वही एकता सिंह भी दक्षिण अफ्रीका से ऑनलाइन महोत्सव से जुड़ी तथा उन्होंने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा, कि दक्षिण अफ्रीका में जो लोग भारतीय है, वे भी अपने बच्चों को हिंदी बोलने को कहते है. साथ ही साथ यहां वैसे भी लोग है, जो भारतीय नही है, फिर भी वे संस्कृत के श्लोक बोलते है, और मुझे यह सब देख कर अपने देश और हिंदी भाषा पर गर्व महसूस होता है. आज के पहले वक्ता डॉ राकेश मिश्रा जो सह आचार्य गांधी एवं शांति अध्ययन विभाग महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा महाराष्ट्र से महोत्सव में सम्मिलित हुए थे, उन्होंने कहा साहित्य एक ऐसा विश्व रचता है, जहां हम पहुंचना चाहते है. साहित्य का उद्देश्य समाज को वहां पहुंचाना होता है, जहां समाज पहुंचना चाहता है. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा साहित्य में न्यायबोध साहित्य को साहित्य बनाता है. साहित्य दलित औऱ स्त्रियों की आवाज है, औऱ उन्हें मुख्य धारा मे लाता है. इसी संदर्भ में उन्होंने कहा मुक्तिबोध और धूमिल को उनके जीवन में वह सम्मान नही मिला पर वे इन सबसे ऊपर है. आज के दूसरे वक्ता प्रसिद्ध साहित्यकार औऱ उपन्यासकार श्री जयनंदन जी थे. उनका विषय साहित्य में राजनीति और उठा पटक था. जयनंदन ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया पर उसे राष्ट्र भाषा नही बनने दिया गया क्योंकि उसमें राजनीति हो गई परंतु मैं कहना चाहूंगा कि हिंदी आज राष्ट्रभाषा से भी आगे निकल गई है क्योंकि वह अब जन- जन की भाषा बन चुकी है. अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि आजकल साहित्य में भी गुट बन गया है. लेखकों के बीच भी कई गुट बन गए हैं, जैसे प्रगतिशील संघ, जन संस्कृति मंच एवं जनवादी लेखक संघ इत्यादि. आगे उन्होंने कहा यहां तक ही बात नहीं रुकती. यहां पुरष्कार और सम्मान देने पर भी राजनीति है.
महोत्सव के तीनों दिन रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति होती रही. साथ ही प्रतिभागियों के साथ आये शिक्षक प्रतिनिधियों को तथा अतिथियों को शॉल – बुके देकर सम्मानित किया गया.
महोत्सव का समापन पुरष्कार वितरण के साथ हुआ
विश्व विद्यालय के कुलाधिपति सुखदेव महतो ने महोत्सव की सफलता पर सबको बधाई दी. साथ ही उन्होंने इसे आने वाले वर्षों में और व्यापक रूप से करने के बारे में भी बताया. श्री महतो ने विधायक ईचागढ़ श्रीमती सविता महतो को हमेशा साथ देने के लिए धन्यवाद दिया. साथ ही उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापन किया.
विजेताओं की सूची
हास्य कवि सम्मेलन
प्रथम: लक्ष्मी कुमारी, द्वितीय: शुभम सिंह, प्रियंका महेश्वरी, तृतीय: निशा चंद्रा.
निबंध लेखन
प्रथम: विनय हेंब्रम, द्वितीय: श्रुति कुमारी, तृतीय: सनम टुडू
दीवार सज्जा
प्रथम: श्रीनाथ विश्वविद्यालय, द्वितीय: महिला कॉलेज चाईबासा, तृतीय: जमशेदपुर वूमेंस कॉलेज.
सामूहिक चर्चा
प्रथम: हीरामनी टुडू, द्वितीय: आशी, तृतीय: हेमंत श्रीवास्तव.
साहित्यिक सफर
प्रथम: श्रीनाथ विश्वविद्यालय, द्वितीय: ग्रेजुएट स्कूल कॉलेज फ़ॉर वूमेंस जमशेदपुर, तृतीय: महिला कॉलेज चाईबासा.
व्यक्तित्तव झांकी
प्रथम: श्रीनाथ विश्वविद्यालय, द्वितीय: डीबीएमएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन, तृतीय: मधुसूदन महतो टीचर्स ट्रेनिंग चक्रधरपुर.
प्रश्नोत्तरी
प्रथम: डीबीएमएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन कदमा, द्वितीय: रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन गितिलता, तृतीय: श्रीनाथ विश्वविद्यालय.
विज्ञापन रचना
प्रथम: श्रीनाथ पब्लिक स्कूल, द्वितीय: संत मेरीज हिंदी हाई स्कूल, तृतीय: चिन्मया विद्यालय बिष्टुपुर.
कुर्ते पर चित्रकारी
प्रथम: महिला कॉलेज चाईबासा, द्वितीय: श्रीनाथ विश्वविद्यालय, तृतीय नेता जी सुभाष इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन.
मुहावरे से मुहावरे तक
प्रथम: श्रीनाथ विश्वविद्यालय, द्वितीय: महिला कॉलेज चाईबासा, तृतीय: करीम सिटी कॉलेज जमशेदपुर
शब्द संयोजन
प्रथम: नूतन बानरा, द्वितीय: नेहा कुमारी, तृतीय: रितिका महतो
लिखो कहानी
प्रथम: राजश्री महतो, द्वितीय: अलिना, तृतीय: अंजली मांझी.
वाक् चातुर्य
प्रथम: साहिल अस्थाना, द्वितीय: प्रिया सिन्हा, तृतीय: अभय प्रताप.
प्रतीक चिह्न निर्माण
प्रथम: ध्रुवपद महतो, द्वितीय: हरिनारायण सिंकू, तृतीय: सौमित्रो महतो
उल्टा पुल्टा
प्रथम: डीवी कन्या उच्च विद्यालय,
द्वितीय: डीएवी पब्लिक स्कूल,
तृतीय: चिन्मया विद्यालय बिष्टुपुर
मीम निर्माण
प्रथम: तुसार गोराई, द्वितीय: आर सागर झा, तृतीय लक्ष्मी कुमारी
बोल मेरे अंदाज़ मेरा
प्रथम: वूमेंस विश्वविद्यालय बीएड, द्वितीय: डीबीएमएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन, तृतीय: रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन
भाषा रूपांतरण
प्रथम: सूर्य ज्योति मय, द्वितीय: अस्मिता शर्मा, तृतीय: पल्लवी भकत
कोलाज कला
प्रथम: गोविन्द विद्यालय तमुलिया, द्वितीय: लोयोला हाई स्कूल धालभूम गढ़, तृतीय: डीएवी कन्या उच्च विद्यालय
वृत्त चित्र
प्रथम: करीम सिटी कॉलेज मास कॉम, द्वितीय: जमशेदपुर वूमेंस कॉलेज एमएड, तृतीय: जमशेदपुर वूमेंस कॉलेज बी एड
लघुनाटिका
प्रथम: करीम सिटी कॉलेज जमशेदपुर, द्वितीय: महिला कॉलेज चाईबासा, तृतीय: वुमेन्स विश्व विद्यालय एमएड.