सरायकेला: बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुई हेलीकॉप्टर क्रैश की दर्दनाक दुर्घटना से जिले में शोक की लहर दौड़ पड़ी. जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत सहित उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों के असामयिक निधन पर गहरा दु:ख प्रकट करते हुए शोक सभा भी की गई. इसके तहत सरायकेला स्थित बालक मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक गंगाराम तियू की अध्यक्षता में स्कूली बच्चे एवं शिक्षक- शिक्षिकाओं द्वारा शोकसभा करते हुए 2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए श्रद्धांजलि दी गई. मौके पर प्रधानाध्यापक ने स्कूली बच्चों को सीडीएस स्वर्गीय बिपिन रावत की जीवन यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा, कि उनका निधन देश के लिए भारी क्षति है.
सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय में भी प्रधानाचार्य पार्थसारथी आचार्य की अध्यक्षता में शोक सभा का आयोजन किया गया. जिसमें प्रधानाचार्य द्वारा बताया गया, कि वायु सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर 2019 को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में नियुक्त हुए. इससे पूर्व 1978 में वे सेना में शामिल हुए थे. 40 साल से देश की सेवा में वे विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे. वे देशभक्त, नीडर, साहसी एवं कर्तव्यनिष्ठ व्यक्तित्व के धनी थे. इस अवसर पर उनकी आत्मा की शांति के लिए एक मिनट का मौन रखकर विनम्र श्रद्धांजलि दिया गया.
सरायकेला स्थित काशी साहू महाविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा घटना को लेकर शोक सभा का आयोजन किया गया. जिला संयोजक लक्ष्मण महतो के नेतृत्व में इस अवसर पर सेना प्रमुख बिपिन रावत समेत हेलीकॉप्टर क्रैश दुर्घटना में मारे गए सेना के अधिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मौन प्रार्थना की गई. कहा गया कि इस विकट परिस्थिति में पूरा देश उनके परिजनों के साथ खड़ा है.