गया: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के 10वें चरण के तहत चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रत्याशियों ने बढ़-चढ़कर जनसंपर्क अभियान चलाया। इस दौरान प्रत्याशी वोटरों के दरवाजे तक गए और हाथ जोड़कर उनसे वोट देने की अपील की। गया जिला का मोहनपुर और बाराचट्टी प्रखंड अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। क्षेत्र में कभी नक्सलियों की तूती बोलती थी। नक्सलियों के आह्वान पर वोट बहिष्कार कर दिया जाता था। लोग डर से घरों से बाहर नहीं निकलते थे। लेकिन वर्तमान समय में यह स्थिति बदल चुकी है। पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के साथ-साथ आमजन भी अपनी सही भागतानिभा रहे हैं। इस क्षेत्र में प्रत्याशी खुलकर प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
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इसी क्रम में बाराचट्टी प्रखंड के दिवनिया पंचायत से दूसरी बार मुखिया पद का चुनाव लड़ रहे युवा ओंकार कुमार ने कहा कि क्षेत्र में विगत 5 सालों में किए गए कार्यों की बदौलत जनता के बीच जा रहे हैं। जितना हो सका हमने काम किया। नली-गली, सड़क सहित अन्य संबंधित योजनाओं का लाभ जनता को पहुंचाया। विगत 2 सालों में कोरोना की वजह से कई कार्य बाधित रह गए। अगर जनता हमें दुबारा मौका देती है, तो बचे हुए कार्यों को पूरा करने का प्रयास करेंगे। वर्तमान समय में युवाओं को रोजगार की सबसे बड़ी समस्या है। मौका मिलता है तो युवाओं के लिए रोजगार, वृद्ध जनों के लिए वृद्धा पेंशन व महिलाओं को सशक्त करने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि क्योंकि हमारा चुनाव चिन्ह मोतियों की माला है। इसलिए हम ग्रामीणों को पर्चा ना देकर लोगों को मोतियों की माला देकर उनसे वोट देने की अपील कर रहे हैं।
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ओंकार कुमार (मुखिया प्रत्याशी- दिवनिया पंचायत)
वही गोसाई पेसरा गांव के रहने वाले ग्रामीण मनोज कुमार रजक ने कहा कि हमारे क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या गरीबी है। इस बार हम लोगों ने ऐसे प्रत्याशी को चुनने का मन बनाया है, जो हर समय जनता के बीच मौजूद रहे। ग्रामीणों का सुख-दुख समझे और उन्हें दूर करने का प्रयास करें। साफ छवि वाले को ही हम लोग अपना नेता चुनेंगे।
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मनोज कुमार रजक (स्थानीय ग्रामीण)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट