सरायकेला: राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड क्षेत्रीय निदेशालय जमशेदपुर के तत्वाधान में सरायकेला प्रखंड के कृष्णापुर में आयोजित मनरेगा श्रमिकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सोमवार को समापन हुआ.
बोर्ड के शिक्षा पदाधिकारी राज किशोर गोप ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन करने, पलायन रोकने तथा गरीबी दूर करने के उद्देश्य से 2005 में मनरेगा अधिनियम को पारित किया गया है. मनरेगा कोई योजना नहीं बल्कि एक कानून है. इसके तहत ग्रामीण क्षेत्र के जॉब कार्ड धारियों को साल में अनिवार्य रुप से 100 दिन काम देने का प्रावधान है. श्रमिक काम तथा जॉब कार्ड बनाने के लिए आवेदन अपने पंचायत के ग्राम रोजगार सेवक को दे सकते हैं. आवेदन देने के 15 दिन के अंदर काम नहीं मिलने पर आवेदक को बेरोजगारी भत्ता दिए जाने का प्रावधान है. उन्होंने श्रमिको को ई श्रम पोर्टल पर अपना निबंधन कराने की बात कही. कार्यक्रम का संचालन करते हुए बोर्ड के कार्यक्रम समन्वयक हेमसागर प्रधान ने विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी. प्रशिक्षण में भेलाइडीह, कृष्णापुर व डुंगरीडीह के 40 महिला पुरुष मनरेगा श्रमिक शामिल हुए जिन्हें बोर्ड की ओर से दैनिक भत्ता के रुप में 500 रुपये प्रदान किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में मुरली प्रधान, ग्राम प्रधान केशव प्रधान, आशीष प्रमाणिक, सुग्रीव प्रधान, दुर्योधन प्रधान, महेश प्रधान, जल सहिया पवित्रा देवी व संतोषी देवी समेत अन्य का सराहनीय योगदान रहा.