कांड्रा: सरायकेला जिले के कांड्रा पंचायत के लोगों के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से 5 करोड़ 87 लाख की लागत से जलापूर्ति की योजना तत्कालीन सांसद मधु कोड़ा के कार्यकाल में बनी थी. ठेकेदार और विभाग की लापरवाही के कारण योजना 9 करोड़ 66 लाख की हो गयी, लेकिन 10 साल बीतने को हैं अबतक कांड्रा के भट्टी गली, सिपाही कॉलोनी, चपरासी लाइन, मुखी पाड़ा, काली पहाड़ी, लाहकोठी एवं महंती होटल से बस स्टैंड स्थित शंकर वस्त्रालय तक पाइप लाइन नहीं बिछाई गई और लोगों को पीने का पानी नसीब नहीं हुआ.
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इधर रविवार को कांड्रा एएसकेजी कॉलोनी शिव मंदिर के समीप महिलाओं द्वारा प्रदर्शन किया गया. इस दौरान महिलाओं ने विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही आगामी पंचायत चुनाव में वोट का बहिष्कार का संकल्प लिया. बताया गया कि कुछ दिनों पूर्व पंचायत में झारखंड सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को दरकिनार करते हुए मुखिया द्वारा बैठक कर अधूरे योजना को हैंडोवर लेना आज मुखिया के लिए जी का जंजाल बनता प्रतीत हो रहा है.
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कई वर्षों से विभाग द्वारा सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा था, कि आप सभी बस्ती वासियों को जब तक पानी नहीं मिलता, तब तक योजनाओं का संचालन विभाग द्वारा किया जाएगा, लेकिन विभागीय पदाधिकारी की नाकामी के कारण मुखिया के जानकारी के अभाव में उनको हैंडोवर लेना आज परेशानी का सबब बनता प्रतीत हो रहा है.
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मिनोती डे
कई वर्षों से यहां के लोगों को आशा थी, कि सरकार की चिर प्रतिक्षित योजना का लाभ उन्हें मिलेगा, लेकिन आज यह योजना विभाग के लिए जरूर पूरी हो चुकी होगी, किंतु कांड्रा की जनता को यह जरूर पता है, कि योजनाओं को पूर्ण नहीं किया गया है, क्योंकि आज कई क्षेत्र ऐसे हैं. जहां पानी की समस्या है, और सबसे बड़ी बात यह है, कि मुखिया द्वारा जो जल मीनार की योजनाएं की जा रही है वह योजनाएं कई क्षेत्रों में नहीं की गई है. जिसके कारण आम जनमानस का कांड्रा की जनता आने वाले दिनों में मुखिया के चुनाव में उनके विरोध काम करने का मन बनाए बैठे हैं.
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सारथी डे
प्रदर्शन करने वालों में लखि दे, कविता सिंह, गोरी देवी, कुमकुम दे, मीणा दे, बबिता मंडल, पूनम मिश्रा, टी के सिंह, मनु देवी, मिनोति दे, लखि देवी उपस्थित थे.