कांड्रा: शनिवार को नया गम्हरिया प्रखंड के मुंडाटांड़ पंचायत में आनंद मार्ग प्रचारक संघ सरायकेला- खरसावां का आध्यात्मिक विषयक तत्व सभा का आयोजन किया गया. इस विषय पर व्याख्यान देते हुए वरिष्ठ आनंद मार्गी बसंत रामदेव ने कहा कि आज भौतिकवादी युग में अनंत सुख पाने के लिए भौतिकता के अंधे दौड़ में लोग शामिल है जिससे उसके आंतरिक सुख की तृप्ति असंभव है.
इसीलिए भगवान श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने आनंद मार्ग की स्थापना की, जो संयुक्त राष्ट्र संघ एवं 182 देशों से गैर सरकारी संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त है. जिसका उद्देश्य आत्म मोक्षार्थम जगत् हिताय च है. आनन्द मार्ग एक अध्यात्म आधारित विश्वव्यापी परिवर्तन के लिए संघर्षरत एक वैचारिक आंदोलन का मंच है. आज समाज में बुरी तरह पैर पसारता कुसंस्कृति के स्थान पर अध्यात्म आधारित उन्नत समान सभ्यता और संस्कृति की स्थापना करना इसका एकमात्र उद्देश्य है. धर्म के क्षेत्र में निरर्थक आडम्बर के स्थान पर मन को एकाग्र कर ईश्वर ध्यान में मन को अंतर्मुखी करने की विधि को मनुष्य को सहज सुलभ बनाया गया है. 6 गुणों का जो आधार है उन्हीं का नाम भगवान है. यह गुण है ऐश्वर्य, वीर्य, यश, श्री, ज्ञान और वैराग्य. शास्त्र में इन गुणों के समाहार को भग कहते हैं. श्री श्री आनंदमूर्ति जी में भग है. अतः उन्हें भगवान कहा जाता है. जब दुनिया में पूंजीवाद और साम्यवाद जगत हित में बुरी तरह असफल हैं तब भगवान श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के उद्देश्य से दुनिया के सामने एक नवीन सामाजिक आर्थिक दर्शन दिया है. जिसे प्रगतिशील उपयोग तत्व यानी प्र उत नाम से जाना जाता है. अतः आइए जीवन को सार्थक बनाने के लिए आनन्द मार्ग को अपना कर अपने जीवन को धन्य करें. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री सुदर्शन, रमेश मुदी, भागवत सरदार, घासीराम सरदार इत्यादि का महत्वपूर्ण योगदान रहा.