गुरुकुल के निर्देशक गजेन्द्र नाथ चैहान ने एक प्रेस ब्यान जारी कर कहा कि शिक्षा का लगातार गिरता स्तर देश के लिए चिंता का विषय है। आज पूरा देश बाल दिवस मना रहा है। लेकिन बाल दिवस को मनाने के साथ साथ यह उद्देश्य होना चाहिए कि हम सभी को बच्चों के बीच शिक्षा को लेकर जागरूकता और बच्चों के कल्याण के लिए काम करना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चें ही हमारा भविष्य हैं, लेकिन अगर बच्चें अपने अधिकारों से वंचित रह जाएंगे तो एक बेहतर दुनिया का निर्माण नहीं किया जा सकेगा। हमारी पीढ़ी को ये मांग करनी चाहिए कि सरकार, व्यवसाय और समुदायों के नेता अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करें और अब बाल अधिकारों के लिए कार्रवाई करें। यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए कि हर बच्चे को, हर अधिकार प्राप्त हो, शिक्षा हमारे और हमारे देश दोनों के लिए ही बहुत महत्वपूर्ण है। यह एक ऐसा आधार है जिसपे हमारा और हमारे देश का विकास टिका हुआ है। श्री चैहान ने कहा कि असर (एनुअल स्टेटस एजुकेशन) की 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक 18 वर्ष की आयु के 60 फीसदी बच्चे ऐसे हैं। जो गणित के मामले में कुछ कच्चे हैं। आधे से ज्यादा युवा ऐसे हैं, जो गणित का भाग करने में कठिनाई का सामना करते हैं। गणित के बुनियादी सवाल हल करने के मामले में 14 साल के और 18 साल के युवाओं का प्रतिशत एक बराबर ही रहा। हम सभी देखते हैं कि सरकारी संस्थान के भवन तो बने खड़े है पर उनका पूरा उपयोग नहीं हो रहा है। नए संस्थान खोलने की बजाये वर्तमान संस्थाओं को दुरुस्त किया जाना चाहिए। हम सब ने देखा है कि बच्चों की कम संख्या के कारण कई सरकारी स्कूल बंद हो गए है और कई भविष्य में बंद हो जाएंगे। भारत में शिक्षा अपने निम्नतम स्तर पर जा पहुंची है। यदि प्रयास नहीं किये गए तो इसका अस्तित्व बस समाप्त ही होने वाला है।
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