टाटा मोटर्स और कमिंस के फैसले के खिलाफ कोल्हान के नौ विधायक गुरुवार को जमशेदपुर के कदमा उलियान स्थित सामुदायिक भवन में एकजुट हुए और टाटा मोटर्स और टाटा कमिंस प्रबंधन के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अल्टीमेटम दिया. उन्होंने साफ कर दिया है, कि अगर कंपनी अपने फैसले को वापस नहीं लेती है, तो 17 नवंबर को टाटा समूह के खिलाफ 12 घंटे कंपनी का गेट जाम कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. आपको बता दें कि टाटा मोटर्स एवं टाटा कमिंस प्रबंधन ने अपने स्थानीय कार्यालय को महाराष्ट्र के पुणे में शिफ्ट करने का निर्णय लिया है. जिसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक गोलबंद हुए और कंपनी प्रबंधन के इस फैसले के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए इसे राज्य और कोल्हान के मजदूरों के विरोध में बताते हुए समूह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वैसे देखना यह दिलचस्प होगा कि टाटा समूह अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करती है या अडिग रहती है. वैसे सूत्रों की अगर मानें तो झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं द्वारा लगातार टाटा समूह पर स्थानीय युवाओं को अप्रेंटिस व अन्य बहाली में नौकरी पर रखने की मांग को लेकर दबाव बनाने एवं बार-बार गेट जाम करने से त्रस्त कंपनी प्रबंधन ने यह फैसला लिया है.


