आगामी पंचायत चुनाव को लेकर ग्रामीणों को जागरुक करने के उद्देश्य से खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच पश्चिम सिंहभूम के कार्यकर्ताओं द्वारा गांव-गांव में जाकर बैठक कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. सोमवार को मंच के सदस्यों ने सोनुवा के झालियामारा में बैठक कर ग्रामीण मतदाताओं को पंचायत चुनाव के दौरान जनता की सरकार बनाने के लिए ठेकेदार, दलालों को वोट नहीं देकर गांव के विकास करने वाले सही प्रतिनिधि का चुनाव करने का अपील किया है. इस दौरान सदस्यों ने बताया कि राज्य में पंचायती राज व्यवस्था पिछले दस सालों से चल रही है. लेकिन, गांव के विकास के लिए चलायी जा रही योजनाओं में अफसरशाही हावी है. अभी भी पंचायत भवन नाम मात्र के लिए है, प्रखंड कार्यालय ही शासन का केंद्र बना हुआ है. ग्रामीणों को सारा काम करवाने प्रखंड कार्यालय ही जाना पड़ता है. यह विकेंद्रीकरण के नाम पर मज़ाक है. अफसर मनमानी और गैर जवाबदेह तरीके से काम करते हैं और ग्राम सभाओं को सशक्त करने के बजाए अपने इशारों पर चलाने की कोशिश करते हैं. यह अत्यंत चिंताजनक है कि राज्य सरकार ने अभी तक न तो पेसा कानून को धरातल पर लागू किया और न ही पंचायती राज अधिनियम को पेसा अनुरूप बनाया है. पंचायत प्रतिनिधि भी पूर्व से चले आ रहे भ्रष्टाचार की व्यवस्था का हिस्सा बन गए हैं. मनरेगा में यह साफ़ दिखता है. जहां मज़दूरों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के बजाय पंचायत प्रतिनिधि भी ठेकेदारी और भ्रष्टाचार का हिस्सा बन कर मज़दूरों को शोषण करते हैं, जो गलत हैं. बैठक के दौरान ग्रामीणों को पंचायती राज व्यवस्था व ग्रामसभा के अधिकार को लेकर ग्रामीणों के बीच पर्चे बांटे गये. सदस्यों ने बताया कि प्रखंड के सभी गांव में इस तरह के जागरुकता अभियान के लिए बैठक किया जाएगा. मौके पर मंच के सदस्य प्यारी देवगम, बिलासी डांगिल, आश्रीता, जयश्री दिग्गी, रामचंद्र माझी, संदीप प्रधान उपस्थित थे.
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