गया: बिहार के गया में लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. शहर के प्रमुख घाटों की साफ-सफाई और वहां बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में गया नगर निगमकर्मी और जनप्रतिनिधि जुट गए हैं. गया शहर के फल्गु नदी तट पर स्थित ब्राह्मणी घाट में भी तैयारी जोर- शोर से हो रही है. यहां जेसीबी मशीन द्वारा घाट की सफाई की जा रही है. साथ ही नदी में गिरने वाले नाले की पानी को धारा से अलग किया गया है और उस पर अस्थाई पुल निर्माण किया गया है. यहां पर बैरिकेटिंग भी की जाएगी.
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स्थानीय वार्ड 39 के पार्षद संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि छठ व्रतियों और उनके साथ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आरओ वाटर, नींबू पानी तथा चाय की व्यवस्था की जाएगी. साथ में कोविड 19 प्रोटोकॉल को पूरी तरह से अनुपालन कराया जाएगा. सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाएगा और सैनिटाइजिंग मशीन भी लगाया जाएगा. साथ ही यहां पर मास्क वितरण का भी प्रबंध किया जा रहा है. यहां आने वाली महिला श्रद्धालुओं के लिए चेंजिंग रूम भी बनाया जा रहा है. साथ ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्थानीय वोलेंटियर के अलावा पुलिस जवानों की प्रतिनियुक्ति के लिए प्रशासन से आग्रह किया गया है.
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संजय कुमार सिन्हा (पार्षद वार्ड- 39)
वहीं स्थानीय पुजारी मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि ब्राह्मणी छठ घाट पर एशिया का सबसे प्राचीन भगवान सूर्य का मंदिर स्थापित है. इस मंदिर में भगवान सूर्य की 7 फीट ऊंची प्रतिमा है, जो पूरे परिवार के साथ है. भगवान सूर्य की प्रतिमा के साथ उनकी पत्नी संज्ञा, दो पुत्र यम और शनि के साथ अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाली 2 देवियों की भी प्रतिमाएं विराजमान है. ऐसी मूर्ति और कहीं भी नहीं है. उन्होंने कहा कि गया जिले का यह एकमात्र ऐसा ब्राह्मणी घाट है, जहां सालों भर पिंडदान होता है. रात्रि में भी यहां पर पिंडदान होता है. जिससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस मंदिर में पूजा करने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है.
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मनोज कुमार मिश्रा (पुजारी- ब्राह्मणी घाट सूर्य मंदिर)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट
गया।