सरायकेला: कायस्थ समाज की ओर से कला नगरी सरायकेला में शनिवार को भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना कर सुख-शांति व समृद्धि की कामना की गयी. सरायकेला नगर में प्रतिवर्ष चित्रगुप्त पूजा समिति हेंसाहुडी व बजरंग पुजा समिति के तत्वावधान में हेंसाहुड़ी व पट्टनायक टोला में रंगारंग विद्युत्त प्रकाश से सुसज्जित आकर्षक पंडाल में प्रतिमा स्थापित कर भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना की जाती है. सरायकेला कायस्थ बहुल क्षेत्र होने के कारण यहां वर्षों से भगवान चित्रगुप्त की पुजा अर्चना की जा रही है. हेंसाहुड़ी व पट्टनायक टोला में शनिवार को पूजा समितियों के तत्वावधान में आयाजित चित्रगुप्त पूजा में श्रद्धालुओं ने सुख-समृद्धि की कामना करते हुए श्रद्धा व भक्ति के साथ अपने इष्टदेव की पूजा अर्चना की. बजरंग पूजा समिति द्वारा पटनायक टोला में आयोजित चित्रगुप्त पूजा में काफी संख्या में कायस्थ समाज के लोगों ने भाग लिया. चित्रगुप्त परिवार के लोगों ने बताया कि चित्रगुप्त महाराज का पूजन सुख-समृद्धि एवं समाज के कल्याण हेतु किया जाता है. इस मौके पर पूजा समिति द्वारा खीर-खिचड़ी का प्रसाद वितरण किया गया. सरायकेला में प्रमिमा विसर्जन तक चित्रगुप्त पूजा के उत्सव की धूम रहेगी. इसके अलावे शनिवार को कायस्थ समाज के लोगों ने अपने- अपने घरों में पारंपारिक रीति रिवाज के अनुसार कलम दवात की पूजा अर्चना की. चित्रगुप्त पूजा के दिन कायस्थ समाज के लोग किसी प्रकार के लिखने पढ़ने का काम नही करते हैं. कायस्थ्य सामाज इस परंपरा को वर्षों से निभाते आ रहे हैं.
घरों में भी धूमधाम से हुई पूजा
घरों में भी कायस्थ परिवार के लोगों ने विधिविधान से भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना की. चित्रगुप्त पूजा को लेकर शनिवार को सुबह से लोग तैयारी में जुट गए. पवित्र होकर लोगों ने अक्षत, फूल आदि से विधिविधान से भगवान चित्रगुप्त की पूजा की. वर्ष भर के आय-व्यय का ब्योरा भगवान के समक्ष रखा. इसके बाद विभिन्न तरह के पकवान, मिठाई तथा फल आदि के भोग चढ़ाए गए. ईख, आदि, शक्कर से बने सोमरस को भगवान चित्रगुप्त को अर्पित किया गया. आरती के बाद परिवार के सदस्यों ने एक साथ मिलकर प्रसाद ग्रहण किया.