SARAIKELA पुलिस की रात्रि गश्त इस कदर ढीली है, कि शरारती तत्व शहर के मुख्य चौक- चौराहों में वारदात को अंजाम दे रहे हैं. बीती रात सरायकेला थाना से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर सरायकेला नगर पंचायत के पुराना बस स्टैंड में देर रात शरारती तत्वों ने चार ठेलों में जिसमें फल दुकान समेत चाय की दुकान में आग लगा दी. जिससे पीड़ितों को हजारों रुपये का नुकसान हो गया. पीड़ित ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी है. सरायकेला में शरारती तत्व मस्त हैं और उनके आगे पुलिस पस्त नजर आ रही है. लोगों ने पुलिस गश्ती पर भी सवाल उठाए हैं. लोगों ने पुलिस अधिकारियों से आग लगनेवाले इलाके में ऑनडयूटी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. सरायकेला थाना पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं. लोगों ने कहा सरायकेला थाना पुलिस की निष्क्रियता से ही लगातार क्षेत्र में ऐसी घटनाएं बढ़ रहीं हैं. दुकानदारों ने बताया कि रात में गश्ती नहीं दिखती. कभी कभार गाड़ी से पुलिस कर्मी निकलते हैं लेकिन पैदल गश्ती नहीं दिखती. जिसका शरारती तत्व व चोर लाभ उठाते हैं. दुकानदारों ने बताया कि गश्ती वाले पुलिस कर्मी एक स्थान पर बैठकर ही समय पास करते हैं. दुकानदारों ने बताया कि पुलिस खानापूर्ति के लिए अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर अपना पल्ला झाड़ लेती है. सरायकेला बस स्टैंड के पास राजू कामिला, दिलीप कुमार साहू, मोहन राना, पिंटू प्रमाणिक ठेला पर दुकान लगाते थे, शनिवार की रात शरारती तत्वों ने चारों दुकान में आग लगा दी. जिससे चारों दुकान जलकर खाख हो गया. स्थानीय लोगों की मदद से किसी तरह आग पर काबू पाया गया. मामले में पीड़ितों ने पुलिस को सूचना दे दी है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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वैसे शहर में जब लगातार चोरी की घटनाएं और शरारती तत्वों के उत्पात बढ़ते हैं, तभी पुलिस के उच्चाधिकारियों को रात्रि गश्त का ध्यान आता है. नगर में जब- जब वारदातें बढ़ी पुलिस अधिकारियों का यही कहना कि अब रात्रि गश्त में बदलाव किया जाएगा. गश्ती बढ़ाई जाएगी. कुछ दिन तो अमल जरूर किया जाता. उसके बाद इसे कूड़ा दान में डाल दिया जाता है. इसके चलते शहरवासियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. वैसे थाने में पदस्थापित टाइगर मोबाइल की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. आखिर उनकी भूमिका क्या है ! यह किसी को समझ में नहीं आ रहा है. बताया जा रहा है, कि पिछले 7 सालों से टाइगर मोबाइल के जवान थाने में जमे हुए हैं. ऐसे में पुलिस के आला अधिकारियों को गंभीरता दिखाने की जरूरत है.
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