सरायकेला के राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव के नेतृत्व में ओड़िया भाषा विकास परिषद के सदस्यों ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कोल्हान में उड़िया भाषा, कला संस्कृति एवं शिक्षा के विकास एवं उसके मार्ग में आने वाली समस्याओं के समाधान हेतु एक ज्ञापन सौंपा। चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव के सहयोग से मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान कोल्हान के सभी ओड़िया भाषा भाषी विद्यालयों में उड़िया शिक्षकों की नियुक्ति, सभी विद्यालयों में वर्ग 1 से 10 तक के छात्रों के लिए ओड़िया विषय के पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराने, झारखंड अधिविध परिषद द्वारा संचालित शिक्षक प्रशिक्षण परीक्षा के सप्तम पत्र में अन्य क्षेत्रीय भाषा के अनुरूप पुनरू उड़िया भाषा को शामिल करने, उड़ीसा के सहयोग से उत्कल सम्मेलनी द्वारा ओड़िया भाषा की शिक्षा के लिए नियुक्त 160 शिक्षकों को पारा शिक्षक का दर्जा देकर मानदेय देने एवं ओड़िया भाषा को पुनरू राज्य की द्वितीय भाषा का दर्जा देने की मांग की गई। मुख्यमंत्री से भेंट के दौरान संगठन के सदस्यों ने शिक्षा विभाग द्वारा ओड़िया शिक्षक के चयन के रूप में चयनित शिक्षकों को हिंदी विद्यालयों में पदस्थापित करने की शिकायत भी मुख्यमंत्री से की। उड़िया संगठन के सदस्यों ने बताया कि कोल्हान में लगभग 40 लाख ओड़िया भाषा वासी लोग हैं। क्षेत्र की जनता ने इस विश्वास के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राज्य का नेतृत्व सौंपा कि अन्य समुदायों की तरह ओड़िया भाषा भाषा की जनता का भी विकास हो। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तत्काल उनकी समस्याओं के समाधान के साथ साथ उड़िया भाषा, कला संस्कृति एवं समाज के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने परिषद के सदस्यों को सभी शिकायतों एवं समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने तत्काल विभागीय अधिकारियों को इस संदर्भ में आवश्यक निर्देश दिए। ओड़िया संगठन के प्रतिनिधि मंडल में परिषद के सचिव दिलीप प्रधान, उत्कल सम्मेलनी के अध्यक्ष सरोज प्रधान, मूलवासी गौड एकता मंच के अध्यक्ष चिरंजीवी प्रधान, डॉक्टर प्रसन्न प्रधान, सत्यप्रकाश कर विनय पटनायक, नीलकमल गिरी, प्रकाश साहू सहित कई लोग शामिल थे।
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