पंचायत केंद्रों में लगने वाला टीकाकरण शिविर पिछले 1 महीने से है पूरी तरह बंद
वैक्सीनेशन सेंटर से हजारों लोग प्रतिदिन लौट रहे हैं बैरंग
पर्याप्त डोज होने के बावजूद अधिकारियों के आदेश की प्रतीक्षा में मौन बैठा है स्वास्थ्य विभाग
GAMHARIA कोविड-19 वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को वैक्सीन देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर काफी मुस्तैदी दिखाई गई और दावा किया जा रहा है कि वैक्सीन लेने वाले लोगों की संख्या एक सौ करोड़ का आंकड़ा पार कर चुका है. इसके लिए केंद्र से लेकर राज्य और जिला स्तर पर अधिकारियों की एक पूरी टीम लगातार महीनों सक्रिय रही. जिसका परिणाम भी सार्थक रहा. लेकिन बाद के दिनों में प्रशासनिक स्पूर्ति सुस्ती में तब्दील हो गई और विभागीय अधिकारियों की मनमानी से अब लोगों को वैक्सीन लगाने की रफ्तार मंद हो गई है. लोगों को ससमय वैक्सीन देने की जिम्मेवारी जिस स्वास्थ्य विभाग की है, वह पर्याप्त डोज उपलब्ध होने के बावजूद आला अधिकारियों के आदेश की प्रतीक्षा में मौन बैठा हुआ है. इससे कई इच्छुक लोग खासकर वैसे लोग जिनके सेकंड डोज की मियाद पूरी हो चुकी है, उनके लिए वैक्सीन लेना अब टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. सरायकेला- खरसावां जिले के गम्हरिया प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में लगने वाला टीकाकरण शिविर पिछले 1 महीने से पूरी तरह बंद है. प्रतिदिन इन केंद्रों पर सैकड़ों लोग वैक्सीन लेने रोज पहुंचते हैं और बैरंग वापस लौट रहे हैं. उनके लिए अब वैक्सीनेशन प्रक्रिया में ऊपरी तौर पर दिखाई देने वाली प्रशासनिक चुस्ती फुर्ती बेमानी साबित हो रही है. ऐसा नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग के पास लोगों को वैक्सीन देने के लिए डोज उपलब्ध नहीं है, बल्कि विभागीय अधिकारियों के आदेश की प्रतीक्षा में फिलहाल पंचायत केंद्रों में वैक्सीन देने का काम ठप पड़ा हुआ है. गम्हरिया प्रखंड के स्वास्थ्य उप केंद्र से मिले आंकड़ों पर गौर किया जाए तो यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो जाती है कि स्वास्थ्य विभाग के पास वैक्सीन के पर्याप्त डोज उपलब्ध हैं. गम्हरिया स्वास्थ्य केंद्र के पास कल तक कुल 2580 डोज कोवी शील्ड और 2090 कोवैक्सीन के डोज उपलब्ध है, लेकिन पंचायत स्तर तक जाकर आम लोगों को वैक्सीन देने के प्रति अब विभाग बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. आम लोगों ने जब इसकी शिकायत की तो उन्हें निर्देश दिया गया कि वे प्रखंड मुख्यालय स्थित स्वास्थ्य उप केंद्र में आकर वैक्सीन ले लें, लेकिन गम्हरिया प्रखंड की भौगोलिक स्थिति ऐसी है, कि हजारों की संख्या में ग्रामीण आबादी सुदूर देहाती क्षेत्रों में निवास करती है. जहां से प्रखंड मुख्यालय आने तक का सफर आम लोगों के लिए ना सिर्फ खर्चीला है, बल्कि ढेर सारी परेशानियों से भरा है. ऐसे में वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए आम लोग खुद को वैक्सीनेटेड नहीं कर पा रहे हैं. अगर शीघ्र ही वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया पंचायत स्तर पर शुरू नहीं हो पाती है तो एक बात तो तय है कि ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाली एक बड़ी आबादी वैक्सीन लेने से पूरी तरह वंचित हो जाएगी, जिससे लोगों को शत-प्रतिशत वैक्सीन देने का लक्ष्य निश्चित तौर पर अपने उद्देश्य से भटक जाएगा.